सांकेतिक फोटो
New Liquor Policy: हिमाचल प्रदेश में शराब प्रेमियों को बड़ा झटका लगने जा रहा है, क्योंकि नए वित्तीय वर्ष से शराब और बीयर की बोतलें महंगी होने जा रही हैं. अब प्रदेश में उपभोक्ताओं को प्रति बोतल पर 17 रुपये सेस चुकाना होगा. इससे पहले यह सेस केवल 7 रुपये हुआ करता था. प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) सरकार ने इस सेस को बढ़ाने का फैसला लिया है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की सरकार ने प्रति बोतल पर 10 रुपये मिल्क सेस लगाया है. इसके अलावा गोधन विकास निधि के लिए प्रति बोतल पर 2.50 रुपये लगेगा.
उपभोक्ताओं को यह झटका अप्रैल महीने की पहली तारीख से लगने वाला है. बीते दिनों को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड सेस बंद करने का फैसला लिया गया था. लेकिन अब इसकी जगह पर सरकार ने विदेशी शराब पर काउ सेस लेने का फैसला लिया है.
आबकारी विकास फंड के नाम पर लिया जाएगा पैसा
शराब की हर बोतल पर काउ सेस लगने के बाद 1.50 रुपये सेस आबकारी विकास फंड के नाम पर लिया जाएगा. इसके अलावा प्रति बोतल दो रुपये सेस पंचायती राज संस्थाओं को जाएगा. इस सेस के पैसों का इस्तेमाल पंचायतों के विकास में होगा. इसके अलावा एक रुपये सेस स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस सेवाओं के लिए भी मिलेगा. यह सेस बियर, शराब, वाइन और देशी शराब की बोतलों पर लिया जाएगा.
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इससे पहले प्रदेश में कोरोना संकट के समय सरकार ने इस सेस का नाम बदलकर कोविड सेस कर दिया था. अब कोविड सेस को बंद कर इसका नाम बदलकर काऊ सेस कर दिया गया है.
शराब की सालाना खपत नौ करोड़ बोतलों की है
रिकॉर्ड्स के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में हर साल करीब 1 हजार 829 करोड़ रुपये की शराब का बिक्री होती है. राज्य में शराब की सालाना खपत नौ करोड़ बोतलों की है. वहीं प्रदेश में हर महीने 75 लाख और हर दिन ढाई लाख शराब की बोतलों की बिक्री होती है. हिमाचल प्रदेश में आबादी करीब 70 लाख है और इसमें अनुमानित संख्या 15 लाख के आसपास की है. वहीं हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शराब की बिक्री से हर साल 2 हजार 400 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा है.