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Jewar Airport Code: यूपी में बन रहे सबसे बड़े हवाई अड्डे को मिला 3 अक्षर का कोडनेम, जानिए दुनिया में किस नाम से पुकारा जाएगा

अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कोड DXN है. इसी कोड से अब इस एयरपोर्ट को पूरी दुनिया में जाना जाएगा. यह एक यूनीक कोड है, जिसका ये मतलब है कि जब भी आप कोई टिकट बुक करेंगे तो नोएडा एयरपोर्ट को DXN से पहचाना जाएगा. ये कोड सिर्फ हम ही यूज कर सकते हैं. ये कभी नहीं बदलेगा. एक तरीके से यह हमारा पिन कोड होगा.

noida airport

जेवर में बन रहे नोएडा के इंटरनेशनल एयरपोर्ट को तीन अक्षरों वाला कोड 'डीएक्सएन' (DXN) दिया है.

Noida International Airport : उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) को अब दुनिया में DXN कोड से पहचाना जाएगा. NIA ने बुधवार को अपने इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन (IATA) कोड का अनावरण किया. यह कोड नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का आधिकारिक IATA लोकेशन आइडेंटिफायर होगा. कोडनेम मिलने के बाद जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अब अंतरराष्ट्रीय विमानन मानचित्र में भी जगह मिल गई है.

अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट को DXN कोड से पहचाना जाएगा. इसके बाद यात्रियों को एयरपोर्ट की आसानी से पहचान होगी. एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद यह कोड यात्रियों और एविएशन प्रोफेशनल्स को गलतियों से बचने और सटीक रूप से डेस्टिनेशंस की पहचान करने में मदद करेगा. एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि कोड असाइन होने से यात्री विभिन्न प्लैटफॉर्म पर एयरपोर्ट की आसानी से पहचान कर सकेंगे. एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने के बाद सक्रिय होने वाला यह कोड यात्रियों और एविएशन प्रोफेशनल्स को किसी भी भ्रम और गलतियों से बचने के लिए काम करेगा और सटीक रूप से डेस्टिनेशंस की पहचान करने में मदद करेगा.

भारतीय संस्कृति को ध्यान में रख तैयार हो रहा एयरपोर्ट

खास बात यह भी ​है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्विस टेक्नॉलजी और एफिसिएंसी के साथ भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है. बुधवार को एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि हम अपने तीन-अक्षर IATA कोड को पाने के लिए उत्साहित हैं, यह एयरपोर्ट के परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.

निर्माण-कार्य जोरों पर- सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन

क्रिस्टोफ के मुताबिक, एयरपोर्ट का निर्माण-कार्य जोरों पर है. टाटा प्रोजेक्ट्स को ईपीसी कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट दिए हुए एक साल से अधिक समय हो गया है. फिलहाल पैसेंजर टर्मिनल की छत के लिए जरूरी संरचनात्मक स्टील पर काम किया जा रहा है. वहीं, एटीसी टावर अब 30 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर खड़ा हो चुका है.

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7000 कर्मचारी कार्य में जुटे, 20 से ज्यादा इमारतें बन रहीं

रनवे को पूरी लंबाई के साथ सबग्रेड कार्य किया जा रहा है. लगभग 7000 कर्मचारी इस समय साइट पर काम में लगे हैं. अगले कुछ महीनों में साइट पर 20 से अधिक इमारतें बन जाएंगी, जिनमें पैसेंजर टर्मिनल, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, ऑफिस ब्लॉक्स, सीवेज और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ इलेक्ट्रिक सबस्टेशन शामिल हैं.

— भारत एक्सप्रेस

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