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Rahul Gandhi on Adani: सवाल सिर्फ एक है, अडानी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? राहुल गांधी ने फिर BJP से पूछा सवाल, बोले- जवाब देना ही होगा

Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “एकमात्र सवाल यह है कि अडानी शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं.”

RAhul Gandhi on government home

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फोटो फाइल)

Rahul Gandhi on Adani: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर अडानी मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही राहुल गांधी मोदी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. संसद में भी इसको लेकर भारी बवाल हुआ और संसद की कार्यवाही कई बार स्थगित होती रही. वहीं इसी बीच 2019 के चुनाव के समय मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर उनको कोर्ट ने 2 साल सजा सुनाई. जिसके बाद राहुल ने सूरत की सत्र कोर्ट में कोर्ट के फैसले को चुनौती दी और सत्र अदालत से उनकी जमानत की अवधि को बढ़ा दिया.

वहीं राहुल गांधी का अभी भी मोदी सरकार से अडानी मामले को लेकर सवाल पूछना जारी है. एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार से अडानी की शेल कंपनियों में संपत्तियों के बारे में सवाल पूछे और कहा कि उनको जवाब देना ही होगा. वह केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक के लिए कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे. यहां उन्होंने ये सभी बातें कही हैं.

‘मित्रकाल के खिलाफ जंग लड़ेंगे’

राहुल गांधी से जब पत्रकारों ने न्यायपालिका पर दबाव बनाने के बीजेपी के आरोप के बारे में पूछा. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि “आप यह क्यों पूछते हैं कि भाजपा क्या कहती है. एकमात्र सवाल यह है कि अडानी शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके हैं. कोर्ट ने राहुल गांधी को सोमवार को आपराधिक मानहानि मामले में जमानत दी. उन्होंने कहा था कि सच्चाई इस संघर्ष में उनका हथियार है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई और मित्रकाल के खिलाफ है, और इस संघर्ष में, सत्य मेरा हथियार है और सत्य मेरा आश्रय है.

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मोदी टिप्पणी पर राहुल ने कोर्ट में किया तर्क दिया

राहुल गांधी ने कोर्ट से कहा, “व्यक्तिगत रूप से नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो कथित लांछन लगाया गया है, उसके लिए केवल नरेंद्र मोदी को मानहानि के अपराध से पीड़ित व्यक्ति के रूप में माना जा सकता है और केवल नरेंद्र मोदी ही इसके लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं. पूर्णेश मोदी प्रतिवादी/शिकायतकर्ता को कोई अधिकार नहीं है उसकी ओर से शिकायत दर्ज करें.”

– भारत एक्सप्रेस

 

 

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