गहलोत और शेखावत
Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी ने सरकार बना ली है. शुक्रवार को जयपुर में भजन लाल शर्मा ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं ने शिरकत की. कार्यक्रम में कांग्रेस के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था. शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. वहां मंच पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गहलोत के बीच लंबी बातचीत हुई.
दोनों नेताओं को देखकर ऐसा लगा कि सब कुछ सामान्य है. दोनों के बीच अच्छे संबंध है. हालांकि, अगर दोनों के सियासी इतिहास पलटा जाए तो राजनीतिक अदावत किसी से छिपी नहीं है. शपथ ग्रहण समारोह से ठीक एक दिन पहले अशोक गहलोत को दिल्ली के एक कोर्ट में झटका लगा है. हालांकि, मंच पर शेखावत और गहलोत के बीच गुफ्तगू को देखकर लगा कि दोनों के सियासी गिले-शिकवे दूर हो गए हैं.
मंच पर देर तक चली दोनों नेताओं के बीच बातचीत
बता दें कि भजन लाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ त्रिपुरा के सीएम मणिक साहा और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल भी मौजूद थे. राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत मणिक साहा के बगल में बैठे थे. तभी अचानक मंच पर गजेंद्र सिंह शेखावत पहुंच गए और उनकी अशोक गहलोत से बातचीत होने लगी.
गौरतलब है कि राजस्थान की राजनीति के दो कट्टर विरोधी गहलोत और शेखावत की बातचीत पर हर कोई चुटकी ले रहा है. दरअसल, गहलोत बार बार केंद्रीय मंत्री शेखावत पर संजीवनी को- ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं. अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया है. गहलोत ने भी ट्रायल कोर्ट के समन को चुनौती दे दी. हालांकि, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने गहलोत की अर्जी को खारिज कर दी है. शेखावत ने कहा कि संजीवनी मामले की जांच में उनके नाम का कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया गया है.
गहलोत और शेखावत ने गर्मजोशी से की मुलाकात
अब भजन लाल के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. सियासी मामलों के जानकारों का कहना है कि शेखावत और गहलोत में सबकुछ ठीक है. दोनों नेताओं ने एक दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की है. बताते चलें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में 25 नवंबर को वोटिंग हुई. 3 दिसंबर को आए नतीजे में बीजपी ने 115 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस महज 69 सीटों पर सिमट गई.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.