भारत का पहला हाइड्रोजन ट्रक
Hydrogen Vehicle: भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को बेंगलुरु में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक में भारत के पहले हाइड्रोजन ट्रक का प्रदर्शन किया. हाइड्रोजन को सबसे स्वच्छ ईंधन माना जाता है और इससे सिर्फ पानी और ऑक्सीजन का उत्सर्जन होता है. अशोक लेलैंड द्वारा विनिर्मित दो बड़े हाइड्रोजन सिलेंडर वाले इस ट्रक को मुख्य स्थल के बगल में एक हॉल में रखा गया है यहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन किया था.
समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रक के पास एक डिस्प्ले के जरिए बताया गया है कि यह सड़क पर देश का पहला h2आईसीई प्रौद्दोगिकी वाला ट्रक है. ट्रक में यदि परंपरागत डीजल ईंधन या हालिया पर स्थित प्राकृतिक गैस के स्थान पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है, तो इससे उत्सर्जन लगभग सुनने हो जाता है. रिपोर्ट में कहा गया कि h2आईसीई वाहन का प्रदर्शन डीजल आईसीई के समान होता है.
भारत हाइड्रोजन के उपयोग पर तेजी से जोर दे रहा है
H2 हाइड्रोजन का सूत्र है और आईसीई आंतरिक दहन इंजन के लिए है. भारत हाइड्रोजन के उपयोग पर तेजी से जोर दे रहा है. इसका उत्पादन बिजली का उपयोग कर पाने को विभाजित करके किया जाता है. इस्पात संयंत्रों से लेकर उर्वरक इकाइयों तक में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां यह हाइड्रोकार्बन का स्थान ले सकता है. ड्रोन का इस्तेमाल वाहन ईंधन के रूप में भी किया जाता है, लेकिन फ़िलहाल इस विनिर्माण लागत काफी ऊंची है हालांकि इसके बावजूद कंपनियां निर्माण में निवेश कर रही हैं.
ग्रीन एनर्जी के लिए शुरू हो रहे प्रोजेक्ट
देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ाबा देने के लिए रिलायंस इंडस्ट्री अपने डिसॉर्बोनाइजेशन ड्राइव के अपने हिस्से के तौर पर गुजरात में तमाम प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रही है. कंपनी इसमें 6 लाख करोड़ का निवेश करेगी. ताकि 100 GW इलेक्ट्रिसिटी पावर ग्रिड के साथ-साथ हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र भी डेवेलप किया जा सके. जिसके अंदर अगले 10-15 सालों में तक़रीबन 5 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया जायेगा.
– भारत एक्सप्रेस