शाह रशीद अहमद कादरी ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद (फोटो ANI)
Shah Rasheed Ahmed Quadri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कर्नाटक के बीदर के शाह रशीद अहमद कादरी को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया. इस दौरान अहमद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता था कि यूपीए में पद्म सम्मान मिलेगा लेकिन नहीं मिला. उन्हें बीजेपी की सरकार से उम्मीद नहीं थी, इसलिए खामोश बैठे थे, लेकिन वे गलत साबित हुए. उन्होंने पुरस्कार के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.
न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से ट्वीट किए गए वीडियो में शाह रशीद अहमद कादरी ने कहा, ”कांग्रेस पीरियड में पांच साल तक देखा, नहीं हुआ, इसके बाद वो खामोश बैठ गए, बीजेपी गवर्नमेंट आई है, ये हमको (पद्मश्री) नहीं देगी, मगर आपने मेरा खयाल गलत साबित करके मुझे चुना है, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.”
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कौन हैं शाह रशीद अहमद कादरी ?
बीदरी कला में शाह रशीद अहमद कादरी (Shah Rasheed Ahmed Quadri) को कई नए पैटर्न और डिजाइन पेश करने के लिए जाना जाता है. बीदरी एक लोककला (Folkart) है जिसकी पारंपरिक सृजन कर्नाटक (Karnataka) के बीदर (Bidar) शहर से शुरु हुआ था. बाद में धीरे-धीरे इस कला का प्रसार तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में भी हो गया. बीदरी (Bidri) लोककला का नाम बीदर गांव पर हुआ है. यह एक पारंपरिक शिल्पकला है. इसमें जस्ता, तांबा, चांदी जैसी धातुओं के उपयोग से शिल्प तैयार किए जाते हैं. यह काफी जटिल कला स्वरूप है.
कुल 53 लोगों को पद्म पुरस्कार वितरित किए गए
बातें दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 106 पद्म पुरस्कार दिए जाने को मंजूरी दी थी. बुधवार शाम को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार दिए गए. इसमें 53 लोगों को ये पद्म पुरस्कार वितरित किए गए. शाह रशीद अहमद कादरी के अलावा समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा मशहूर चिकित्सक दिलीप महालनाबिस (dilip mahalanabis) को भी मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. इससे पहले 22 मार्च को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.