
सुप्रीम कोर्ट.

Waqf Act Supreme court Judgements: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को वक्फ संशोधन कानून को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. कोर्ट ने अंतरिम रूप से आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक वक्फ संपत्तियों की यथास्थिति बनी रहेगी. इसका अर्थ है कि न तो किसी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई किया जाएगा और न ही वक्फ बोर्ड या केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति होगी.
कोर्ट ने केंद्र सरकार से सात दिन में जवाब मांगा है, और अगली सुनवाई 5 मई को होगी.
सरकार ने कहा- अभी कोई बदलाव नहीं होगा
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, तब तक वक्फ से जुड़ी संपत्तियों को न छेड़ा जाएगा. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने केंद्र सरकार के इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर ले लिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि 1995 के अधिनियम के तहत पंजीकृत वक्फ संपत्तियों को 5 मई तक गैर-अधिसूचित नहीं किया जा सकता.
केवल 5 मुख्य आपत्तियों पर होगी सुनवाई: SC
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले में दायर 73 याचिकाओं की विस्तृत सुनवाई संभव नहीं है. इसलिए सभी याचिकाकर्ताओं को आपसी सहमति से केवल पांच मुख्य आपत्तियां तय करने के निर्देश दिए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि 110 से अधिक फाइलें पढ़ना व्यावहारिक नहीं है, इसलिए नोडल काउंसिल के माध्यम से प्रमुख मुद्दे तय किए जाएं.
अंतरिम राहत पर याचिकाकर्ताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि “कोर्ट ने वे सभी मुद्दे उठाए जो हमने संसद में उठाए थे. यह संविधान की जीत है. सरकार की जमीन हड़पने की साजिश को कोर्ट ने रोका है.” वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को एक “संवैधानिक हमला” बताया और कहा कि यह तथाकथित सुधार की आड़ में प्रतिशोध की कार्रवाई है.
डिनोटिफिकेशन और नियुक्तियों पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक अगला आदेश नहीं आता, तब तक वक्फ बाय यूजर या वक्फ बाय डीड के अंतर्गत घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा. इसी के साथ वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति भी नहीं की जाएगी.
अगली सुनवाई 5 मई 2025 को निर्धारित
मामले की अगली सुनवाई 5 मई 2025 को निर्धारित की गई है. उस दिन केवल पांच याचिकाकर्ता कोर्ट में उपस्थित रहेंगे और उनकी मुख्य आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि जरूरत हुई तो निर्देशात्मक और अंतरिम आदेश दिए जा सकते हैं.
मुस्लिम समुदाय से जुड़े नेताओं को राहत
वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ है — जब तक केंद्र सरकार अपना पक्ष नहीं रखती, तब तक न वक्फ संपत्तियों की स्थिति में कोई बदलाव होगा, न कोई नई नियुक्ति. यह फैसला उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो इस कानून को धार्मिक अधिकारों पर हमला मानते हैं. अब सबकी नजर 5 मई की अगली सुनवाई पर है, जहां कानून की संवैधानिक वैधता पर गहन चर्चा होने की संभावना है.
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