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तेजी से बढ़ रही देश छोड़ने वालों की तादाद; पिछले 12 सालों में करीब 14 लाख लोगों ने छोड़ा भारत, नौकरीपेशा वाले सबसे आगे

Henley Private Wealth Migration Report: भारत के लोगों का देश छोड़कर विदेश जाने के पीछे की वजह अच्छा वेतन और कोरोबार में टैक्स छूट है. देश में नौकरी करने वालों को कंपनियों की तरफ उतना अच्छा वेतन नहीं मिलता, जितना उन्हें विदेशों में मिल जाता है.

भारत छोड़कर विदेश जाने वालों की संख्या में इजाफा

India: भारत में देश छोड़कर विदेश जाने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आयी है, जिसके मुताबिक पिछले 12 सालों में करीब 14 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने देश भारत को छोड़ दिया है और इसमें 7 लाख लोग अमेरिका में जाकर बस गए हैं. यह आंकड़ा पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, इसमें खास बात यह है कि भारत छोड़ने वाले लोगों में केवल 2.5 प्रतिशत ही करोड़पति हैं. जबकि जिन 97.5 प्रतिशत लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है वह अच्छी नौकरी या कारोबार के लिए विदेश गए हैं.

हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, भारत छोड़कर विदेश जाने वाले करोड़पतियों की संख्या में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है. जबकि नौकरी करने वाले लोगों की संख्या में दोगुना इजाफा हो गया है.

नौकरी करने वालों में विदेश जाने की होड़

भारत के लोगों का देश छोड़कर विदेश जाने के पीछे की वजह अच्छा वेतन और कोरोबार में टैक्स छूट है. देश में नौकरी करने वालों को कंपनियों की तरफ उतना अच्छा वेतन नहीं मिलता, जितना उन्हें विदेशों में मिल जाता है. इसलिए वह विदेशों में जाने का मन बना लेते हैं. ऐसे लोगों के लिए अमेरिका फेवरेट जगह है, जहां उन्हें अच्छी सैलरी मिल जाती है. वहीं कारोबारियों के लिए स्ट्रेलिया-सिंगापुर टॉप जगह हैं, जहां टैक्स में अच्छी छूट मिलती है. यहां नया कारोबार शुरू करने के लिए नागरिकता लेने पर शुरुआती सालों में मामूली टैक्स लगता है.

दूसरी लोगों का देश की नागरिकता छोड़ने की वजह यह भी है कि भारत दोहरी नागरिकता नहीं देता, इसलिए जो विदेश में बसना चाहता है उसे भारत की नागरिकता को छोड़ना होता है.

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पहले के मुकाबले 29 प्रतिशत ज्यादा लोग छोड़ रहे देश

वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक,  2010 से पहले नागरिकता छोड़ने वाले 7 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रहे थे. वहीं अब यह दर 29 प्रतिशत हो गई है. संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में सबसे ज्यादा 2 लाख 25 हजार 620 लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी थी. जबकि साल 2021 में 1.63 लाख लोगों ने नागरिकता छोड़ी. 2020 की बात करें तो तब 85 हजार लोग विदेश में जाकर बसे थे. यह संख्या 2010 के बाद सबसे कम थी, क्योंकि इन तीनों सालों में ही कोरोना काल चल रहा था.

– भारत एक्सप्रेस

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