यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो सोशल मीडिया)
UP Cabinet Meeting Ayodhya: पांच राज्यों में जहां विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा लगातार अयोध्या राम मंदिर को मुद्दा बनाकर अपने हिंदुत्व के एजेंडे को धार दे रही है, वहीं यूपी में आगामी 9 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक भी अयोध्या में ही तय की गई है. माना जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश की जनता को इस बैठक के माध्यम से अपने धार्मिक एजेंडे को लेकर संदेश देना चाहती है. हालांकि इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि सीएम योगी की पूरी कैबिनेट कल पहले रामलला के चरणों में अपनी सिर झुकाएगी और फिर इसके बाद फैसले लिए जाएंगे.
संवाददाता के मुताबिक, सीएम योगी की कैबिनेट बैठक अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय राम कथा धाम में होना तय हुई है. मालूम हो कि 2017 में जबसे भारतीय जनता पार्टी यूपी में सत्ता में आई है, योगी सरकार के सबसे मुख्य एजेंडे का केंद्रबिंदु अयोध्या ही रहा है. समय-समय पर निर्माण कार्य का निरीक्षण करने और राम लला के दर्शन करने के लिए योगी आदित्यनाथ जाते रहे हैं. तो इसी के साथ ही वहां के विकास की रूपरेखा को भी देखते रहे हैं. मौजूदा स्थिति में केंद्र से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं में अयोध्या को प्राथमिकता पर रखा गया है. तो वहीं वर्तमान समय में अयोध्या में करीब 30,000 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है.
इस बार अयोध्या में दीपोत्सव पहले से भी और भव्य होने की खबर सामने आ रही है. 11 नवम्बर को दीपोत्सव मनाया जाएगा. चूंकी 22 जनवरी 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा, तो इससे पहले पड़ने वाली दीवाली को खास बनाने के लिए कार्य तेजी से किया जा रहा है. इस उत्सव को भी भाजपा जोर-शोर से जनता के बीत पहुंचा रही है और लगातार अपने हिंदुत्व के एजेंडे को धार दे रही है. तो वहीं हाल ही में कई विपक्षी नेताओं में से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव भी केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने गए थे और भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे में सेंध लगाने की कोशिश की है.
कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज
बता दें कि मंगलवार को जबसे सीएम ने राज्यपाल से मुलाकात कर ली है, तभी से यूपी कैबिनेट के विस्तार की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. माना जा रहा है कि 10 नवंबर यानी धनतेरस के दिन योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. चर्चा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के साथ कुछ अन्य नेताओं को कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
राजधानी के बाहर दूसरी बार हो रही है बैठक
बता दें कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाहर प्रयागराज के बाद दीपावली से ठीक पहले अयोध्या में होने जा रही कैबिनेट की बैठक को भाजपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है. इसके पहले 2019 में कुंभ के दौरान प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में अयोध्या तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और मुजफ्फरनगर के शुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन को हरी झंडी दिए जाने के भी संकेत मिल रहे हैं. बता दे कि इन तीनों ही विकास परिषद में मुख्यमंत्री को अध्यक्ष बनाया जाएगा. तो वहीं इन विधेयकों को कैबिनेट में पास करने के बाद नवंबर के आखिर में होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इन्हें रखा जाएगा. तो वहीं ये भी माना जा रहा है कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन का भी निर्णय हो सकता है.