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दिल्ली हाईकोर्ट ने स्विगी और जेप्टो को भेजा नोटिस, जानें क्या लगा आरोप?

दिल्ली हाई कोर्ट ने दृष्टिबाधितों की सहूलियत के लिए फूड डिलीवरी एप्स स्विगी और जेप्टो को स्क्रीन रीडर के अनुकूल न होने पर नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 28 मई को होगी.

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दिल्ली हाईकोर्ट.

दिल्ली हाई कोर्ट ने खाने की आपूर्ति करने से संबंधी एप को दृष्टिबाधितों के अनुकूल बनाने के मामले में स्विगी एवं जेप्टो जैसे फ़ूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस सचिन दत्ता ने यह जवाब तलब एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) मिशन एक्सेसिबिलिटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए किया है और दोनों से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है.

कोर्ट 28 मई को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि कानूनी आदेश के बावजूद स्विगी एवं जेप्टो के एप स्क्रीन-रीडर सॉफ्टवेयर के अनुकूल नही है. उससे दृष्टिबाधितों के लिए खाद्य उत्पादों की खोज करना या आर्डर देना मुश्किल हो गया है.

स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर एक ऐसा प्रोग्राम है जो दृष्टिबाधित या कम दृष्टि वाले लोगों को कंप्यूटर का इस्तेमाल करने में मदद करता है. एनजीओ की ओर से पेश वकील अमर जैन ने कहा कि कानून में वर्ष 2019 तक सुगम्यता मानकों का अनुपालन अनिवार्य किया गया है.

याचिका में कहा गया है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम और इसके नियमों के तहत प्लेटफॉर्म को सुगम्यता संबंधी विशेषताओं को अपनाना अनिवार्य है. इन मानकों को लागू करने में प्राधिकारियों की निष्क्रियता से समस्या और गंभीर हो गई है. ये प्लेटफॉर्म दिव्यांगों को खाद्य पदार्थ पहुचाने, किराने की खरीदारी और रेस्तरां आरक्षण जैसी आवश्यक सेवाओं तक समान पहुंच से वंचित करके उनकी गरिमा का उल्लंघन करते है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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