

Jamia Nagar violence Case: 2019 में जामिया नगर इलाके में हुई हिंसा के मामले में साकेत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने शिफा-उर-रहमान सहित 15 लोगों को सभी आरोपों से बरी कर दिया, जबकि शरजील इमाम सहित 11 अन्य आरोपियों पर आरोप तय किए हैं.
साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने अपने फैसले में कहा कि शरजील इमाम ने एक विशेष समुदाय के मन में क्रोध और घृणा पैदा करने की कोशिश की. कोर्ट ने शरजील इमाम को हिंसा भड़काने का मुख्य सरगना बताया और कहा कि उसने केवल एक समुदाय के लोगों को चक्का जाम के लिए उकसाया. न्यायालय ने यह भी कहा कि पीएचडी स्कॉलर होने के कारण शरजील ने अन्य समुदायों का उल्लेख करने से परहेज किया, लेकिन चक्का जाम से सभी समुदाय प्रभावित हुए.
शरजील इमाम के खिलाफ तय हुए आरोप
कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ IPC की धारा 109, 120B, 153A, 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341 सहित अन्य धाराओं में आरोप तय किए हैं.
इसके अलावा, आसिफ इकबाल तन्हा, आंशु खान और चंदन कुमार पर IPC की धारा 109, 120B, 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341 के तहत आरोप तय किए गए हैं.
बरी किए गए 15 लोग
कोर्ट ने शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद आदिल, रुहूल अमीन, मोहम्मद जमाल, मोहम्मद उमर, मोहम्मद शाहिल, मूदस्सिर फहीम हासमी, मोहम्मद इमरान, साकिब खान, तंजील अहमद चौधरी, मोहम्मद इमरान, मुनीब मियां, सैफ सिद्दीकी, शाहनवाज और मोहम्मद यूसुफ को आरोपों से बरी कर दिया है.
कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि सड़कों पर हुई हिंसा शरजील इमाम के भाषण का परिणाम नहीं थी. अदालत ने माना कि इस दंगे के लिए शरजील को आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
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-भारत एक्सप्रेस
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