

मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को प्रथम दृष्टया सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि शाही ईदगाह- कृष्ण जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश, जिसमें हिंदू पक्ष को अपनी याचिका में संशोधन करने और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को मामले में पक्षकार के रूप में जोड़ने की अनुमति दी गई थी, वह प्रथम दृष्टया सही है.
हिंदू पक्ष ने एक नया दावा करते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था कि विवादित ढांचा एएसआई के तहत एक संरक्षित स्मारक है और पूजा स्थल संरक्षण अधिनियम भी ऐसे स्मारक पर लागू नही होगा. पिछली सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा था कि यदि मुकदमे के जवाब में दूसरे पक्ष द्वारा कोई नया आधार लिया जाता है, तो सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत याचिका में संशोधन करने का अधिकार है. दूसरे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जन्मभूमि से जुड़े 15 मुकदमें को एक साथ जोड़ने का आदेश दिया था.
मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
इस फैसले को मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनकी विशेष अनुमति याचिक खारिज करते हुए हाई कोर्ट में रिकॉल आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था. हालांकि 23 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने वह रिकॉल आवेदन भी खारिज कर दिया था. यह विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित है, जिसके बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि इसे भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर स्थित मंदिर को ध्वस्त करके बनाया गया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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