

राऊज एवेन्यु कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड धनशोधन मामले की सुनवाई 21 एवं 22 मई को सुनवाई करेगा. राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कुछ देर दलीलें सुनने के बाद कहा कि एक आरोपी सैम पित्रोदा को ईमेल के जरिए बृहस्पतिवार को नोटिस भेजा गया है, इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका देते हुए अगली तारिख पर आरोप पत्र के संज्ञान पर दलीलें सुनी जाएगी.
अदालत ने 2 मई को इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी के अलावा अन्य को नोटिस जारी किया था. जब मामले के शिकायतकर्ता एवं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ईडी के आरोपपत्र की प्रति मांगी तो अदालत ने पहले ईडी का पक्ष सुनने का भी फैसला किया.
उसने इस मामले में कांग्रेस नेता पित्रोदा और सुमन दुबे, तथा ‘यंग इंडियन’, डोटेक्स मच्रेडाइज प्राइवेट लिमिटेड और सुनील भंडारी को भी नोटिस जारी किया था. न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है.
आपराधिक साजिश को उजागर
आरोपपत्र धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 (धनशोधन) और 4 (धनशोधन के लिए दंड) के तहत दाखिल किया गया है. ईडी ने इस मामले में वर्ष 2021 में अपनी जांच शुरू की थी, जब एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 26 जून, 2014 को स्वामी की एक निजी शिकायत पर संज्ञान लिया था.
ईडी ने कहा था कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों की आपराधिक साजिश को उजागर किया गया है. उसमें सोनिया गांधी, उनके सांसद पुत्र राहुल गांधी, कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडीस के अलावा अन्य नेताओं और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ शामिल हैं.
उन सभी पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की संपत्तियों का गलत तरह से अधिग्रहण कर धनशोधन में शामिल होने का आरोप है. सोनिया और राहुल कंपनी यंग इंडियन के शेयरधारक हैं और दोनों के पास 38-38 फीसदी शेयर हैं.
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-भारत एक्सप्रेस
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