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उम्रकैद की सजा काट रहे Yasin Malik के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट 7 मार्च को CBI की याचिका पर करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट 7 मार्च को यासीन मलिक के खिलाफ दर्ज मुकदमे को जम्मू से दिल्ली ट्रांसफर करने की सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने यासीन मलिक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जम्मू की ट्रायल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

Yasin Malik case

तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ दर्ज मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग वाली सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 7 मार्च को सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यासिन मलिक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जम्मू के ट्रायल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने कहा कि तिहाड़ जेल में सुनवाई करने की पूरी सुविधा भले ही मौजूद है, लेकिन वे इस मामले में यासीन मलिक का पक्ष सुनना चाहता है. सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया किजम्मू के एएसजी कोर्ट में वीसी की अच्छी सुविधा है, जहां वर्चुअल सुनवाई संभव हो गया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट को जम्मू में ट्रायल कोर्ट में उचित वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा था.

मामले की सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने जोर देकर कहा था कि वह मामले में गवाहों से शारीरिक रूप से जिरह करना चाहते थे. जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने आदेश दिया था कि उन्हें तिहाड़ जेल से भौतिक रूप से पेश किया जाए. पिछली सुनवाई में सीबीआई ने याचिका दायर कर मुकदमें को जम्मू-कश्मीर से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है.

जानें क्या है पूरा मामला

पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि तिहाड़ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई करने की सुविधा पहले से उपलब्ध है. एसजी ने बताया था कि तिहाड़ जेल में कोर्ट लगता है, इससे पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि जम्मू स्पेशल कोर्ट का कहना है कि यह अनुकूल नही है कि उसे व्यक्तिगत रूप से पेश करे. हम यासीन मलिक को जम्मू-कश्मीर नही ले जाना चाहते हैं, जिसपर कोर्ट ने कहा था कि लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिरह कैसे हो सकती है.

एसजी ने कहा था कि अगर वह व्यक्तिगत रूप से पेश होने पर अड़े है तो मुकदमा दिल्ली में ट्रांसफर किया जाए. एसजी ने कहा था कि यासीन मलिक सिर्फ एक आतंकवादी नही है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद की 1989 में हुई अपहरण के मामले में जम्मू की निचली अदालत ने 20 सितंबर 2022 को पारित आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. उसी उसी दौरान यासीन मलिक अदालत में पेश हुआ था.

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-भारत एक्सप्रेस 



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