Breast Milk में कितने तरह के होते हैं हार्मोन और क्या है उनके लाभ? यहां जानें
Eye-friendly Ingredients: आंखे हमारी बॉडी का अहम हिस्सा हैं जिनका इस्तेमाल हम सबसे ज्यादा करते हैं. घंटो मोबाइल और लेपटॉप के साथ गुजारते हैं. ऑफिस टाइम में लैपटॉप पर काम करते हैं वक्त मिलता है तो कुछ घंटे मोबाइल भी चला लेते हैं. दिन के 12 घंटे हमारी आंखें ब्लू स्क्रीन के साथ गुजरती हैं तो आंखों का कमजोर होना तो बनता ही है. मौजूद दौर में हालात इतने बदतर हो गए हैं कि आज कल कम उम्र के बच्चों की आंखों पर भी तश्मा नजर आता है. आंखे कमजोर होने के कई कारण हैं जैसे तनाव, बुढ़ापा औप नींद की कमी की वजह से भी आंखें कमजोर होने लगती है. खराब डाइट का असर आंखों पर बेहद दिखता है. कुछ लोगों की आखें इतनी ज्यादा कमजोर होने लगती हैं कि उनकी दूर की और पास की दोनों नजर कमजोर हो जाती हैं.
अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए आपको क्या खाना चाहिए, यह भी जानना काफी जरूरी हो जाता है. दरअसल, आंखों की हेल्थ के लिए नारंगी, गुलाबी और लाल रंग के फल-सब्जियां खाना चाहिए. वैज्ञानिकों के अनुसार,’अच्छा पोषण हमारे पूरे शरीर को सही तरीके से काम करने में मदद करता है. आंखों की हेल्थ भी हमारे स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे लोग अक्सर प्राथमिकता नहीं देते.’ दृष्टि को बढ़ावा देने के लिए और कई समस्याओं से बचाने के लिए कुछ चीजें बताई हैं जिन्हें डाइट में लेना चाहिए.
सामन मछली आंखों की रोशनी बढ़ाने में बेहद असरदार साबित होती है. मछली में ओमेगा- फैटी एसिज भरपूर रहता है जो आपको स्वस्थ रखता हैं. हेल्दी वसा आंखो की रोशनी बढ़ाने में असरदार साबित होती है. मछली खाने से ड्राई आंखों की परेशानी से निजात मिलती है. ये रेटिना को स्वस्थ रखने में मदद करती है.
नारंगी मिर्च और शकरकंद दोनों ही बीटा कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट फाइटोकेमिकल से अपना नारंगी रंग प्राप्त करते हैं. आपका शरीर बीटा कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट फाइटोकेमिकल से अपना नारंगी रंग प्राप्त करते हैं. आपका शरीर बीटा कैरोटीन को विटामिन ए में परिवर्तित करता है जो आंखों के लिए फायदेमंद है. विशेषज्ञों के अनुसार बीटा कैरोटीन एएमडी, मोतियाबिंद और डायबिटिक रेटिनोपैथी के जोखिम को भी कम करती है.
टमाटर में लाइकोपाइन नामक एक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है. इसलिए सभी को टमाटर विशेष रूप से खाना चाहिए इससे ओवरऑल हेल्थ के साथ आंखें भी सही रहेंगी. आंखों को सही रखने के अन्य महत्वपूर्ण कारकों में एक्सरसाइज करना, पर्याप्त नींद लेना औरहर 2 साल में आंखों की जांच कराना शामिल है. इससे आपको अपने में होने वाले बदलावों पर नजर रखने में मदद मिल सकेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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