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लाइफस्टाइल

कैंसर एक खरतरानक बीमारी है. इन दिनों दुनियाभर में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर भारत में गर्दन-सिर का कैंसर फैल रहा है. माना जा रहा है कि भारत में हर साल इस कैंसर के 12 लाख नए मामले आते हैं.

इन दिनों भारी बारिश के कारण कई शहरों में बाढ़ जैसी समस्या उतपन्न होने लगती है जिसकी वजह से लोगों की सेहत पर काफी प्रभाव पड़ रहा है. चिलचिलाती गर्मी के बीच मानसून आता तो हैं लेकिन ये मौसम सेहत के लिए काफी सारे रिस्क लेकर आता है.

आज कल की भाग दौड़ वाली जिंदगी में लोग अपने स्किन का ध्यान नहीं रख पाते है जिसकी वजह से उनके स्किन पर झुर्रियां आने लगती है. खासतौर पर लड़कियां जो अपने स्किन को लेकर काफी सेंसीटीव रहती है वे कई तरह के प्रोड्क्टस का भी इस्तेमाल करती है लेकिन इससे उनकी स्किन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. तो चलिए जानते है क्या है चेहरे से झुर्रियां कम करने के उपाय.

Diabetes Treatment: मधुमेह एक साइलेंट किलर बीमारी है. देश में 10 करोड़ से ज्यादा शुगर के मरीज हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. संयोग से, मधुमेह का कोई इलाज नहीं है. स्वस्थ आहार और व्यायाम से ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है.

AIIMS के डॉक्टर जेएस तितियाल ने कहा कि वर्तमान में फैल रहा आई फ्लू ज्यादा खतरनाक किस्म का नहीं है. इसके फैलने की दर काफी तेज है.

एक आम आदमी की नजर से वर्तमान पीढ़ी को देखने पर पता चलता है कि Gen-Z बच्चे वर्चुअल रियलटी में रह रहे हैं. माने एक ऐसी वास्तविकता जिसमें दुनियाभर के लाखों-करोड़ों लोग संगीत से जुड़े हैं.

Health Tips: अक्सर लड़कियां अपने स्किन को लेकर काफी सेंसीटीव रहती हैं. इतना ही नहीं वे स्किन ग्लो करने के लिए कई तरह के प्रोड्कटस का भी इस्तेमाल करती हैं, लेकिन इसका उनके स्किन पर कोई असर नहीं होता है. इस भाग दौड़ वाली जिंदगी में वह अपनी स्किन का ध्यान नहीं रख पाती.

बारिश के मौसम में कई तरह की गंभीर बीमारियां फैलने की संभावना अधिक होती है. ऐसे में बाढ़ के पानी की वजह से कई तरह के इंफेक्शन भी बढ़ने लगे हैं. हाल ही में एक ऐसी ही समस्या सामने आई है जिसमें बाढ़ के पानी की वजह से आंखो में इंफेक्शन की समस्या बढ़ने लगी है.

बारिश के मौसम में जो बदलाव आता है उसके कारण बॉडी का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है. जिससे बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. ऐसे मौसम में सबसे ज्यादा जरूरी खानपान होता है.

गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं को हर छोटी से छोटी बात का बहुत ध्‍यान रखना पड़ता है क्‍योंकि छोटी-सी लापरवाही भी शिशु के लिए घातक साबित हो सकती है.