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Video: सड़कें जाम थी और ट्रेनें फुल… प्रयाग पहुंचने के लिए इन युवाओं ने किया बिहारी जुगाड़, 84 घंटे में पूरी की 550KM की महाकुंभ जलयात्रा

Bihar Youth Innovative Travel Solutions: महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए बिहार के नौजवानों ने खुद की ऑटोमेटिक बोट बनाई. उसके जरिए बक्सर जिले से गंगा नदी में प्रयाग तक 550 किमी की यात्रा की.

Bihar Youth Innovative Travel Solution

बक्सर से जुगाड़ से तैयार की गई नाव से महाकुंभ के सफर पर निकले लोग.

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ आयोजित हो रहा है. 45 दिवसीय इस कुंभ मेले का शुभारंभ मकर संक्राति को हुआ था, जो महाशिवरात्रि पर्व तक चलेगा. अब तक 52 करोड़ से ज्‍यादा श्रद्धालु यहां स्नान के लिए आ चुके हैं. हालांकि, श्रद्धालुओं के आवागमन में बेशुमार भीड़ होने, जाम लगने और वाहनों के अभाव जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं. ऐसे में बिहार के बक्सर से प्रयागराज पहुंचने के लिए कुछ श्रद्धालुओं ने एक अनोखा रास्ता अपनाया.

बक्सर से कई युवा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में शामिल होने के लिए न तो ट्रेन और न बस, न किसी तरह के हवाई सफर का सहारा लिया, बल्कि उन्‍होंने मोटरबोट वाली नौका तैयार की, फिर उससे साढ़े 500 किलोमीटर की यात्रा पूरी की. उनकी नौका गंगा नदी के रास्‍ते ही महाकुंभ क्षेत्र तक पहुंची.

इन श्रद्धालुओं का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा है. वीडियो में वे स्वचालित मोटरबोट में गंगा नदी के रास्ते प्रयागराज तक का सफर करते नजर आ रहे हैं. पत्रकारों ने जब श्रद्धालुओं से इस बारे में सवाल किए, तो उन्‍होंने बताया कि सड़कों पर लग रहे जाम और ट्रेनों में सीटों की कमी के कारण वे किसी भी साधन से यात्रा नहीं कर पा रहे थे. तब उन्‍होंने मोटरबोट की मदद ली और गंगा नदी से होते हुए ही लगभग 550 किमी की यात्रा की.

श्रद्धालुओं में एक मुन्नू चौधरी ने बताया, “हमने अपनी नौका में दो इंजन लगाए, खाने-पीने और सोने का भी पूरा इंतजाम किया. खाना पकाने के लिए गैस सिलेंडर, चूल्हा, आटा, चावल, सब्जियां और रजाई-गद्दे भी लेकर चले थे.”

मुन्नू चौधरी ने कहा-


हमारी यात्रा 11 फरवरी को बिहार के बक्सर जिले के कमहरिया गांव से शुरू हुई. यात्रा के दौरान, हम जमनिया, गाजीपुर, और वाराणसी होते हुए 12 फरवरी की रात करीब 1 बजे प्रयागराज पहुंचे. हालांकि, प्रयागराज में संगम तक पहुंचने से पहले हमारी नाव को रोका गया, क्योंकि वहां पर एक पांटून पुल था, जिसे पार करना मुश्किल था.

मुन्नू ने आगे बताया, “हमारी यह यात्रा कुल 84 घंटे लंबी रही, जिसमें 550 किमी की दूरी तय की गई. इस यात्रा को पूरी तरह से खुद अपनी तैयारी और जुगाड़ से पूरा किया गया था.”

मुन्नू समेत बिहार के 7 श्रद्धालुओं का यह प्रयास अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इनके ‘बिहारी जुगाड़’ की खूब सराहना कर रहे हैं. श्रद्धालुओं के ग्रुप में मुन्नू के अलावा सुमन चौधरी, संदीप, सुखदेव चौधरी, आदू चौधरी, रविंद्र और रमेश चौधरी ये 7 लोग शामिल थे.

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