आषाढ़ मास व्रत-त्योहार (सांकेतिक तस्वीर)
Ashadh Vrat Tyohar List: आषाढ़ मास का हिंदू धर्म में खास धार्मिक महत्व है. पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ का महीना शनिवार, 22 जून से लेकर 21 जुलाई तक है. हिंदी कैलेंडर के मुताबिक, आषाढ़ चौथा महीना है. इस महीने को चतुर्मास के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस इस महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु योगनिद्रा में पाताल लोक चले जाते हैं. ऐसे मे चतुर्मास के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. पंचांग के मुताबिक, आषाढ़ मास में जगन्नाथ रथ यात्रा, योगिनी एकादशी, कर्क संक्रांति, देवशयनी एकादशी और गुरु पूर्णिमा समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं. आषाढ़ मास में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट जानिए.
आषाढ़ मास में पड़ने वाले 10 प्रमुख व्रत-त्योहार
योगिनी एकादशी- मंगलवार, 2 जुलाई
बुध प्रदोश व्रत- बुधवार, 3 जुलाई
आषाढ़ अमावस्या, दर्श अमावस्या- शुक्रवार, 5 जुलाई
आषाढ़ नवरात्रि आरंभ- शनिवार, 6 जुलाई
जगन्नाथ रथ यात्रा- रविवार, 7 जुलाई
कर्क संक्रांति- मंगलवार, 16 जुलाई
देवशयनी/हरिशयनी एकादशी- बुधवार, 17 जुलाई
गुरु प्रदोष व्रत- गुरुवार, 18 जुलाई
जयापार्वती व्रत- शुक्रवार 19 जुलाई
गुरु पूर्णिमा/ आषाढ़ पूर्णिमा- गुरुवार 21 जुलाई
आषाढ़ अमावस्या 2024
पितरों को प्रसन्न करने के लिए आषाढ़ मास की अमावस्या का खास महत्व है. इस अमावस्या के दिन नदी में स्नान के बाद पितरों निमित्त तर्पण करने का विधान है. मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या के दिन पितरों ने निमित्त तर्पण और दान करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा इस दिन पतृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास उपाय किए जाते हैं. इस साल 6 जुलाई को आषाढ़ मास की अमावस्या है.
जगन्नाथ रथ यात्रा 2024
हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पुरी से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इस साल 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथ यात्रा निकाली जाएगी. प्रत्येक वर्ष ओड़िशा के पुरी शहर में जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु जुटते हैं.
क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं. पुरी के जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर रथ यात्रा निकाली जाती है.
देवशयनी/हरिशयनी एकादशी 2024
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी या पद्मनाभ एकादशी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है इस दिन से अगले चार महीने के लिए भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं. इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. मान्यता है कि देवशयनी एकादशी व्रत रखने से सारे दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं. इस साल देवशयनी एकादशी बुधवार 17 जुलाई को है.
गुरु पूर्णिमा/ आषाढ़ पूर्णिमा 2024
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का खास महत्व है. मान्यतानुसार, इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु कहा जाता है क्योंकि उन्होंने सबसे पहले मनुष्य को वेदों की शिक्षा दी थी. इसलिए परंपरा के अनुसार, इस दिन गुरु की पूजा का विधान है. इस साल गुरु पूर्णिमा रविवार, 21 जुलाई को मनाई जाएगी.
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