Photo- Hockey India (@TheHockeyIndia)/ Twitter
Hockey World Cup, IND vs ENG: हॉकी विश्व कप के अपने पहले मुकाबले में इंडिया ने स्पेन को 2-0 से हराकर टूर्नामेंट में अपने सफर का आगाज धमाकेदार तरीके से किया. इंडिया की ये जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि पिछले 21 साल में ये पहला मौका था जब विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में इंडिया ने स्पेन पर जीत हासिल की. ओडिशा के राउरकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम में 21 हजार दर्शकों के बीच खेले गए इस मुकाबले में इंडिया की जीत में अमित रोहिदास और हार्दिक सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई. अमित ने 12 वें जबकि हार्दिक ने 26 वें मिनट में गोल दागा. अमित रोहिदास को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
आइए इंडिया की जीत के हीरो रहे अमित और हार्दिक के बार में जानते हैं.
स्थानिय स्टार हैं अमित रोहिदास
अमित रोहिदास ओडिशा के राउरकेला के सुंदरगढ़ से ही संबंध रखते हैं. इसलिए स्पेन के खिलाफ मैच उनके लिए बेहद यादगार रहा क्योंकि उन्होंने अपने स्थानिय लोगों के बीच बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए न सिर्फ इंडिया को मैच जीताया बल्कि प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए. अपने भाई की हाथ में हॉकी स्टिक देख हॉकी को अपना लक्ष्य बनाने वाले अमित की जिंदगी काफी मुश्किलों से भरी रही है.
अमित ने गरीबी और तंगहाली के बावजूद राष्ट्रीय टीम से हॉकी खेलने के सपने को पूरा किया जिसमें उनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा है. अमित के माता पिता ने मजदूरी कर अमित की सभी जरुरतों को पूरा किया. 2013 में इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले अमित टीम के मौजूदा उपकप्तान हैं और बतौर डिफेंडर खेलते हैं. वे टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज और कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं. उन्होंने 132 मैचों में टीम के लिए अबतक 20 गोल किया है. अमित के पिता की मौत तो दो साल पहले हो चुकी है लेकिन स्पेन के खिलाफ हुए मैच को उनकी मां ने अपने रिश्तेदारों के साथ देखा.
हार्दिक सिंह
इंडिया के लिए स्पेन के खिलाफ दूसरा गोल करने वाले 24 वर्षीय हार्दिक सिंह अपना पहला विश्व कप खेल रहे हैं. हार्दिक पंजाब की उस जमीन से संबंध रखते हैं जिसने इंडियन हॉकी को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी दिए हैं. उनका जन्म पंजाब के जालंधर के खुसरोपुर गांव में जन्म लेने वाले हार्दिक सिंह ने 2018 में इंडिया के लिए डेब्यू किया था. बतौर मिड फिल्डर खेलने वाले हार्दिक ने अबतक करियर में 84 मैच खेले हैं जिसमें उनकी स्टिक से 6 गोल निकले हैं. वे टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज और कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीतने वाली टीम के सदस्य रह चुके हैं. हार्दिक जर्मन मिडफील्डर टोबियास के फैन हैं. वे एक ऐसा खिलाड़ी बनना चाहते हैं जिससे विपक्षी टीम डरे साथ ही वे आने वाली पीढ़ी का रोल मॉडल बनना चाहते हैं.
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