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Ayodhya

सूर्य तिलक मैकेनिज्म का इस्तेमाल भारत में पहले से ही किया जाता है. देश में कुछ सूर्य और जैन मंदिर हैं जहां पर भगवान की मूर्तियों का सूर्य तिलक होता है. इन मंदिरों की वास्तुकला अद्भुत है.

पीएम मोदी ने कहा कि नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला.

सुबह पहले मंदिर के गर्भगृह में रामलला का दिव्य स्नान और इत्र लेपन के साथ ही उनका विशेष श्रृंगार किया गया है. इसके बाद रामलला का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है.

रामनवमी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, ‘भव्य राम मंदिर की प्रथम रामनवमी का यह अवसर उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया.’

बुधवार यानी रामनवमी को दोपहर 12:16 बजे पर रामलला के ललाट पर पांच मिनट तक सूर्य की किरणों से अभिषेक किया जाएगा. मंदिर में इसकी तकनीकी व्‍यवस्‍था की गई है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि चार बार लगने वाले भोग के लिए केवल पांच-पांच मिनट के लिए ही पर्दा बंद होगा. विशिष्ट महानुभावों से अनुरोध है कि वे दर्शन हेतु 19 अप्रैल के बाद ही पधारें.

रामनवमी पर उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर के पक्का घाट, मेला कंट्रोल, नागेश्‍वर नाथ, साकेत पेट्रोल पंप, श्री राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी, अयोध्या रेलवे स्टेशन, कनक भवन, बंधा तिराहा, अयोध्या कोतवाली और कंट्रोल रूम (रिजर्व) पर रेस्क्यू टीम के साथ ही एंबुलेंस उपलब्ध रहेगी.

4 दिन तक राम मंदिर में श्रद्धालु सुगम दर्शन पास और आरती के पास का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. इस अवधि के लिए ऑनलाइन जारी किए गए सुगम और आरती पास निरस्‍त कर दिए गए हैं.

रामनवमी पर जिन फूलों से मंदिर का सजाया जाएगा और रामलला का श्रृंगार होगा, उन फूलों की खासियत है कि ये एक हफ्ते तक नहीं सूखेंगे. दिल्ली से विमान के जरिए रामलला के वस्त्र अयोध्या पहुंचेंगे.

एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताया कि विमानों के शुरू और बंद होने का कार्यक्रम कंपनियों की ओर से तय किया जाता है. कंपनियां अपना आंकलन करके ही किसी रूट पर फ्लाइट शुरू करती हैं.