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Kashi

Varanasi News: बनारस में ज्ञानवापी का मुद्दा हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद के चलते इन दिनों चर्चा में है. कथित मस्जिद के ढांचे पर अधिकार को लेकर दोनों समुदायों ने अदालत का रूख किया है.

Govind Dev Giri Maharaj on Kashi-Mathura: राम मंदिर जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि अगर हमें काशी मथुरा मिल जाता है तो हम किसी मस्जिद की ओर ध्यान नहीं देंगे.

Gyanvapi News: ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में 31 साल बाद बुधवार देर रात 11 बजे हिंदू अनुयायियों द्वारा फिर से पूजा-अर्चना की गई. मुलायम सरकार ने 1993 में ये अधिकार छीन लिया था, अदालत ने अब फिर अनुमति दी—

Gyanvapi News: वाराणसी में ज्ञानवापी के व्यास तहखाना में हिंदु अनुयायी पूजा-अर्चना किया करते थे. बाद में इस पर रोक लगा दी गई थी...अपना अधिकार वापस लेने के लिए हिंदू पक्ष अदालत गया था.

वाराणसी में बरसों पुराना मंदिर-मस्जिद विवाद अब सुलझने के आसार हैं. ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट आज दोनों पक्षों को सौंप दी गई है. हिंदू पक्ष का दावा है कि वहां मस्जिद की जगह मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं. ढांचे की दीवारों पर शिवजी के 3 नाम देखे गए.

महादेव की नगरी काशी में आज हजारों मुसलमानों ने जय सिया राम के जयकारे लगाए. संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच सद्भावना बढ़ाने वाला संबोधन दिया. उन्‍होंने कहा कि संस्कारों के बिना शिक्षा ताले के समान है, लोग मानवता के साथ सक्षम बनें.

Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मामले में ASI ने अदालत में 1000 से अधिक पेज की सर्वे रिपोर्ट पेश की है. अब अदालत 21 दिसंबर को इस पर फैसला सुनाएगी. उसी दिन हिंदू-मुस्लिम पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दी जाएगी.

Gyanvapi News: ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान ASI को देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, घड़ा, चिह्न जैसे 250 अवशेष मिले थे. इन्हें DM की निगरानी में लॉकर में जमा कराया गया. अब सभी अवशेषों को कोर्ट में पेश किया गया है.

PM Modi CM Yogi: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2.0 का उद्घाटन किया. वहीं पर सीएम योगी ने गुलाबी मीनाकारी से बने स्मृति चिह्न देकर उनका स्वागत किया.

Kashi Tamil Sangamam: PM मोदी काशी तमिल संगमम के आयोजन में पहुंचे. यहां उनके संबोधन के दौरान नया प्रयोग हुआ. तमिल भाषा समझने वाले दर्शकों के लिए भाषिनी के माध्यम से AI आधारित तमिल अनुवाद किया गया.