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इनकम टैक्‍स र‍िटर्न फाइल करने के फायदे, लोन से लेकर एक्‍सीडेंटल डेथ के मुआवजे तक मिलते हैं कई लाभ, यहां जानिए सब कुछ

Benefits of Filing Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर व्यक्ति को एक सर्टिफिकेट मिलता है, जिससे उसकी सालाना आय का पता चलता है. ये आपके लिए कई जगहों पर काफी मददगार साबित होता है.

Benefits of Filing Income Tax Return: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर व्यक्ति को एक सर्टिफिकेट मिलता है, जिससे उसकी सालाना आय का पता चलता है. ये आपके लिए कई जगहों पर काफी मददगार साबित होता है. इससे आपको बैंक लोन लेने में आसानी होती है, इसके अलावा आईटीआर फाइल करने के तमाम फायदे आपको और आपके परिवार को भविष्‍य में मिल सकते हैं. यहां जानिए ऐसे कई फायदे.

कर्ज मिलने में आसानी

ITR आपकी आय का प्रमाण है. सभी बैंक और एनबीएफसी इसे आय प्रमाण के रूप में स्वीकार करते हैं. यदि आप बैंक ऋण के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक कभी-कभी आईटीआर मांगते हैं. अगर आप नियमित रूप से आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल सकता है. इसके अलावा आप किसी भी वित्तीय संस्थान से लोन के अलावा अन्य सेवाओं का भी आसानी से लाभ उठा सकते हैं.

वीजा के लिए जरूरी है

अगर आप किसी दूसरे देश में जा रहे हैं तो जब आप वीजा के लिए आवेदन करते हैं तो आपसे इनकम टैक्स रिटर्न मांगा जा सकता है. कई देशों की वीजा अथॉरिटीज वीजा के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगती हैं. आईटीआर के जरिए वे उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति की जांच करते हैं, जो उनके देश आना चाहता है.

टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए

अगर आपकी आय से टैक्स काटकर सरकार के पास जमा कर दिया गया है तो आप आईटीआर फाइल किए बिना इसे वापस नहीं पा सकते हैं, भले ही आपकी आय इनकम टैक्स में बेसिक छूट की सीमा के भीतर ही क्यों न हो. अगर आप टैक्स रिफंड क्लेम करना चाहते हैं तो आईटीआर फाइल करना जरूरी है. जब आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आयकर विभाग उसका आकलन करता है. यदि आपका धनवापसी किया जाता है, तो इसे सीधे बैंक खाते में जमा किया जाता है.

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एड्रेस प्रूफ के तौर पर भी काम करता है

आईटीआर रसीद आपके पंजीकृत पते पर भेजी जाती है, जो पते के प्रमाण के रूप में काम कर सकती है. इसके अलावा यह आपके लिए इनकम प्रूफ के तौर पर भी काम करता है.

नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करना आसान है

यदि आप शेयरों या म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और आपको नुकसान होता है, तो अगले साल नुकसान को आगे बढ़ाने के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है, क्योंकि अगले साल अगर आपको पूंजीगत लाभ होता है, तो इस नुकसान को इस लाभ के विरुद्ध समायोजित किया जाएगा और आपको लाभ पर कर छूट का लाभ मिल सकता है.



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