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चांदी की कीमत में तेजी, निवेश का शानदार ऑप्शन, कीमतें हो सकती है 1 लाख के पार!

सिल्वर की इंडस्ट्रीयल डिमांड में 5 फीसदी का इजाफा देखने को मिला. चांदी के फिजिकल इंवेस्टमेंट में 22 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली. ज्चेलरी और चांदी के बर्तन की डिमांड में क्रमश: 29 फीसदी और 80 फीसदी का इजाफा हुआ.

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इस साल सोने के साथ-साथ चांदी ने भी अपनी चमक बिखेरी है. दोनों में इस साल 10 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है और अगर पिछले एक साल की बात करें तो 20 फीसदी का रिटर्न देखने को मिला है. अब सवाल अगले एक साल का है. इसमें भी सोना आपको ज्यादा कमाएगा या चांदी. वहीं, चांदी अगले एक साल में किस स्तर पर पहुंच सकती है. जानकारों की मानें तो अगले एक साल में सोना नहीं चांदी निवेशकों की ‘चांदी’ बना सकती है.

जी हां, अगले 12 महीनों में चांदी की कीमत एक लाख के स्तर को पार कर सकती है. इसका मतलब है कि चांदी अगले एक साल में मौजूदा स्तर से 33 से 35 फीसदी का रिटर्न दे सकती है, जबकि सोना अगले एक साल में 13 से 15 फीसदी का रिटर्न देने की उम्मीद है. आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में जिनकी वजह से चांदी के दाम 1 लाख रुपये प्रति किलो या उससे आगे तक पहुंच सकते हैं.

सोने चांदी के अनुपात में गिरावट

जानकारों की मानें तो सोना-चांदी के अनुपात में लगातार गिरावट आ रही है. जिससे चांदी की कीमत में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. वर्तमान में दो कीमती धातुओं के बीच का अनुपात 80 पर है, जो ऐतिहासिक रूप से 65-75 के बीच देखा गया है. यह अनुपात घटने की संभावना अधिक होती जा रही है. जिससे चांदी की कीमत में अगले एक साल में और तेजी देखने को मिल सकती है और एक लाख रुपए के स्तर को सपोर्ट कर सकती है.

औद्योगिक मांग में वृद्धि

चांदी की मांग पूरी दुनिया में औद्योगिक है. कोविड के बाद इंडस्ट्री खुल गई है और इसकी डिमांड में भी तेजी देखने को मिली है. भारत समेत पूरी दुनिया में ईवी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ी है, देश में भी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगे हैं. सोलर पैनल प्लांट बढ़े हैं और भारत जैसे देशों में 5जी नेटवर्क का विस्तार हो रहा है. इन सभी कार्यों में चांदी का प्रयोग बहुत अधिक होता है. आने वाले दिनों में जिस तरह से इनका काम बढ़ेगा चांदी की मांग भी बढ़ेगी.

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कई साल के निचले स्तर पर इन्वेंटरी

चांदी का भंडार कई साल के निचले स्तर पर आ गया है. मार्च महीने में चांदी के स्टॉक में 3.7 फीसदी की गिरावट जारी है. माह के दौरान पंजीकृत मालसूची में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. जिससे चांदी 34 मिलियन औंस पर आ गई, जो फरवरी के मुकाबले थोड़ी अधिक है. अप्रैल के महीने में इसके 30 मिलियन औंस से नीचे आने की संभावना है. एक अनुमान के मुताबिक 2020 के उच्चतम स्तर की तुलना में इस साल के अंत तक सोने का भंडार गिरकर 430.9 मिलियन औंस रह गया होगा. ऐसे में चांदी की कीमत में और तेजी देखने को मिलेगी.

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