
Mahoba News
Mahoba News: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां महोबा जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जहरीला पदार्थ खाने व फांसी लगाने का प्रयास करने वाले मरीज को डॉक्टरों ने चारकोल टेबलेट की जगह कोयले का घोल पिला दिया. अब मामला सामने आने के बाद सीएमएस ने कहा कि कोयले का घोल नहीं चारकोल की टेबलेट दी जाती है.
क्या है मामला?
दरअसल मामला कबरई थाना क्षेत्र के गहरा गांव के रहने वाले 33 वर्षीय मंगल प्रजापति का अपनी पत्नी से विवाद हो गया था. जिसके चलते गुस्से में आकर मंगल ने जहरीला पदार्थ खाकर फांसी लगाने का प्रयास किया. जिसे गंभीर हालत में परिजनों ने महोबा जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर दीपक कुमार ने उनको दवा पर्चा लिखकर दिया. लेकिन दवा नहीं मिलने पर उन्होंने मरीज को कोयले का घोल पिलाने की सलाह दे डाली. डॉक्टर के कहने पर मरीज मंगल प्रजापति को कोयले का घोल पिलाया गया.
परिजनों ने क्या कहा ?
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने चारकोल टेबलेट लिखकर दी थी, लेकिन वो दवा कहीं नहीं मिली. जिसके बाद डॉक्टर दीपक ने कहा कि आपलोग लकड़ी में आग लगाकर उसके कोयले को पीसकर घोल बना दीजिये और मरीज को पिला दीजिये.
डॉक्टर ने क्या कहा?
मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर दीपक ने बताया कि मरीज ने फांसी लगाई थी और डाई पी थी. उन्होंने कहा कि चारकोल टेबलेट नहीं मिलने पर कोयले का घोल पिलाया जा सकता है.
“कोयले का नहीं चारकोल टेबलेट दी जाती है”
इस बारे में सीएमएस ने बताया कि मरीज को कोयले का घोल नहीं चारकोल की टेबलेट दी जाती है. महोबा जिला अस्पताल के सीएमएस ने कहा कि कोयले का घोल नहीं पिलाया गया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में चारकोल टेबलेट उपलब्ध है या नहीं उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
– भारत एक्सप्रेस
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