Tax Collection at Source: साल 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश पैसा भेजने के लिए नए नियमों की घोषणा की थी. इस नियम के तहत कुछ कैटेगरी में विदेश पैसा भेजने पर नागरिकों को 20 फीसदी टैक्स देना होग. उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विदेशी प्रेषण के लिए स्रोत पर एकत्रित कर (टीसीएस) दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दी गई. विदेश पैसे भेजने पर टैक्स की नई दरें 1 जुलाई, 2023 से लागू होंगी. हालांकि, टैक्स की बढ़ी हुई दरें शिक्षा और मेडिकल उद्देश्यों के लिए भेजे गए पैसे पर लागू नहीं होंगी.
एलआरएस के तहत शिक्षा के लिए 7 लाख रुपये से कम की राशि विदेश भेजने पर कोई टीसीएस नहीं लगाया जाएगा. यदि आप शिक्षा ऋण लेकर 7 लाख रुपये से अधिक विदेश भेजते हैं, तो आपको 0.5 प्रतिशत का TCS देना होगा और यदि आप शिक्षा व्यय के लिए ऋण लिए बिना एक वित्तीय वर्ष में 7 लाख रुपये से अधिक विदेश भेज रहे हैं, तो आपको 7% का टीसीएस देना होगा.
विदेश पैसा भेजते वक्त देनी होगी ये जानकारी
आपको बता दें कि जो पैसा आप शिक्षा के नाम पर विदेश भेज रहे हैं, वह सिर्फ शिक्षा पर खर्च किया जाना चाहिए. इसके अलावा आपको शिक्षा के लिए भेजे जा रहे पैसे के संबंध में सभी जरूरी जानकारी और जरूरी दस्तावेज भी देने होंगे. विदेश पैसा भेजने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होता है, जिसमें आपको सारी जानकारी देनी होती है. अब टीसीएस के नियम बदल रहे हैं इसलिए आपको विदेश में किराया, कॉलेज की फीस, कॉलेज के एडमिट कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज साथ रखने होंगे.
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विदेश में पैसा भेजने के लिए आवश्यक मूल दस्तावेज क्या हैं?
जो व्यक्ति अपने परिवार के किसी सदस्य की पढ़ाई के लिए पैसा भेज रहा है तो आपको फॉर्म ए2 यानी एलआरएस डिक्लेरेशन बैंक में जमा करना होगा. इसमें आपको फीस, किराया, यात्रा खर्च और अन्य खर्च जैसे खर्चों का ब्योरा देना होगा. साथ ही उन्हें बच्चे का नाम, कॉलेज की आईडी जैसी जरूरी जानकारी भी बैंक को देनी होगी.
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