बक्सर में 'लू' का कहर
प्रशांत राय
Heat Stroke in Buxar: बिहार के बक्सर में आसमानी आग की तपिश कम होने का नाम नहीं ले रही है. लू की वजह से लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. हालात इतने खराब है कि अब ये आंकड़ा 81 तक पहुंच गया है. वहीं बक्सर के चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले शवों की तादाद आम दिनों के मुकाबले अब डबल हो चुकी है. श्मशान घाट का दृश्य बाकी में भयभीत करने वाला है, क्योंकि वहां अब एक साथ दर्जनों चिताएं जलायी रही हैं. अगर मौजूदा हालातों की बात की जाए तो अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को खाली जगह नहीं मिल रहा है.
वहीं जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया कि पहले जहां आम दिनों में प्रतिदिन 40 से 45 शव दाह संस्कार के लिए यहां आते थे. वहीं अभी 70 से 80 शव आ रहें है. उन्होंने आगे कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है. इसके बचाव के लिए हर तरीके के उपाय किये जा रहे हैं. अस्पतालों में इस समय इस्तेमाल में आने वाली दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है. सदर अस्पताल में एक अलग लू वार्ड बना दिये गए हैं. जिसमें रोगी के लिए उपयुक्त सुविधा की गई है.
श्मशान घाट पर क्यों बढ़ रहे हैं शवों के आंकड़े ?
बता दें कि श्मशान घाट पर हालात इतने खराब हो गए है कि अब यहां रात-दिन शव जलाये जा रहे हैं. बक्सर जिले के अलावा शाहाबाद क्षेत्र के साथ अन्य जिलों के लोग भी शवों के अंतिम संस्कार के लिए यहां आ रहे हैं. जिसकी वजह से बक्सर श्मशान घाट पर दाह संस्कार का आंकड़ा बढ़ गया है.
अस्पतालों में हालात खराब
अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि सभी बेड फूल होने के बाद लोग जमीन पर लेटकर इलाज करा रहे है. अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी के बीच भी लोगों का इलाज करते-करते स्वास्थ्यकर्मी खुद बीमार पड़ जा रहे हैं. रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर दवा काउंटर पर कतारे लगी रहती है.
– भारत एक्सप्रेस
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