हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी (और इनसेट में मंत्री अनिल विज).
BJP Vs Congress On MSP: पंजाब के किसानों का दल लगातार दिल्ली कूच का प्रयास कर रहा है. हजारों की संख्या में पंजाब से हरियाणा बॉर्डर पर जुटे प्रदर्शनकारियों के इस प्रदर्शन का आज (14 फरवरी) दूसरा दिन है. वे खनौरी और शंभू बॉर्डर से हरियाणा में घुसने की कोशिशें कर रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों की मांग सामने आने के बाद हरियाणा के मंत्री अनिल विज का बयान आया है.
कांग्रेस के रवैये पर हरियाणवी मंत्री का पलटवार
प्रदर्शनकारियों की ओर से उठाई जा रही फसलों पर 50% से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने की मांग को कांग्रेस द्वारा जायज ठहराने पर अनिल विज ने पलटवार किया. अनिल विज ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों का जिक्र करते हुए कहा, “MSP की रिपोर्ट 2004 में आ गई थी और तब कांग्रेस की सरकार थी और उन्होंने 10 साल में कुछ क्यों नहीं किया?”
‘दिल्ली की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों का मकसद कुछ और है’
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने किसान संगठनों और प्रदर्शनकारियों के दिल्ली कूच पर भी सवाल उठाया. अनिल विज बोले, “आप (प्रदर्शनकारी) जिनसे दिल्ली जाकर बातचीत करना चाहते हैं, वो सभी मंत्री और अधिकारी जब चंडीगढ़ आ गए, तो आपने बात नहीं की. इसका मतलब आपका मकसद कुछ और है?”
#WATCH | On the farmers' march, Haryana Home Minister Anil Vij says "The report on MSP came in 2004 when Congress was in power. Why didn't they do anything in 10 years?… The farmers want to go to Delhi and have a conversation with representatives of the Govt but when they came… pic.twitter.com/Vbob2oiPCm
— ANI (@ANI) February 14, 2024
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‘हमले में डीएसपी और 25 अन्य पुलिस अधिकारी घायल हुए’
अनिल विज बोले— “मुझे आश्चर्य है कि पंजाब सरकार ने एक नोटिस जारी किया है कि हमारी सीमा में ड्रोन ना भेजें…जब प्रदर्शनकारी अमृतसर से आगे बढ़ने लगे, तो उन्होंने उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की. प्रदर्शनकारियों की ओर से काफी पथराव हो रहा है और इसमें हमारे एक डीएसपी और 25 अन्य पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं.”
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सबसे पहले कब उठी थी 50% से अधिक MSP की मांग?
बता दें कि किसानों को 50% से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग सबसे पहले स्वामीनाथन आयोग ने रखी थी. एमएस स्वामीनाथन (1925—2023) एक भारतीय अर्थशास्त्री थे. जिन्हें देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. अपने समय में उन्होंने किसानों की स्थिति में सुधार के लिए कई सुझाव सरकार को दिए थे. किसानों की आर्थिक दशा सुधारने और खेती में पैदावार बढ़ाने को लेकर कई सिफारिशें दी थीं. स्वामीनाथन की अगुवाई में कमिटी (समिति) ने साल 2006 में अपनी रिपोर्ट तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सौंपी थी. उनकी कमेटी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) औसत लागत से 50% या उससे भी ज्यादा करने को कहा था, ताकि छोटे किसानों को फसल का उचित मुआवजा मिल सके.
..तब कांग्रेस ने कहा था- संतुलन बिगड़ जाएगा
स्वामीनाथन आयोग का ये भी कहना था कि MSP कुछ ही फसलों तक सीमित नहीं रहना चाहिए. हालांकि, सोनिया गांधी की अगुवाई वाली तब की कांग्रेस (यूपीए) सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें खारिज कर दी थीं. कांग्रेस सरकार ने MSP पर कहा था कि अगर MSP औसम लागत से 50% ज्यादा रखी जाती है तो बाजार का संतुलन बिगड़ जाएगा. ये कहते हुए यूपीए सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से पीछे हट गई थी.
— भारत एक्सप्रेस
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