स्किन कैंसर
Skin Cancer: सर्दियों को मौसम आ गया है ऐसे में अक्सर लोग ठंड से बचने के लिए घंटों धूप में बैठना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि ज्यादा देर धूप में बैठने से आपकी स्कीन को गंभीर नुकसान भी हो सकता है? यहीं आदत स्किन कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकती है.
लेकिन लोगों के मन में सवाल यह उठका है कि आखिर कैसे सूरज जो जीवन को रोशन करता है, उससे मिलने वाला विटामिन डी जो हड्डियों के लिए वरदान होता है जान के लिए आफत बन सकता है? क्या वाकई में सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर स्किन कैंसर होने का खतरा रहता है. सूर्य की पराबैंगनी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है. चलिए जानते हैं इन सभी के बारे में.
आखिर क्या है मेलेनोमा?
मेलेनोमा स्किन कैंसर का सबसे घातक रूप माना जाता है. यह आपकी त्वचा पर मौजूद तिल में भी विकसित हो सकता है और उनका आकार रंग या आकृति बदल सकता है. इसके अलावा तिल में दर्द या खुजली जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. हर वर्ष हजारों लोग इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं इसलिए इसके प्रति सावधान रहना बेहद जरूरी है. डब्ल्यूएचओ के इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक 2022 में मेलेनोमा से लगभग 60,000 लोगों की मौत हो गई. दुनिया के अधिकांश क्षेत्रों में, मेलेनोमा से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा पीड़ित बताए गए.
सूर्य की पराबैंगनी किरणों से क्या खतरे हो सकते हैं?
वहीं, ‘मैकेनिकल बिहैवियर ऑफ बायोमैटीरियल्स’ पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार सूर्य की पराबैंगनी किरणें त्वचा की सबसे ऊपरी परत में कोशिकाओं के बीच पहुंचकर उसे कमजोर करती है. लिहाजा, धूप में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा सनबर्न का शिकार हो जाती है और स्किन कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. स्किन कैंसर के कई प्रकार होते हैं. हालांकि, इनमें से तीन बेसल सेल – कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, मेलेनोमा सबसे आम हैं.
सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें
सुरक्षित रूप से धूप का आनंद लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए छाया में रहें, त्वचा को हमेशा कवर करके रहें और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते रहें. जैसा जेसन चैम्बर ने अपने अनुभव के आधार पर बताया भी. हालांकि, ऐसा नहीं है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद आप धूप में ज़्यादा समय बिता सकते हैं. लेकिन यह त्वचा के उन हिस्सों की सुरक्षा के लिए सही रहता है जिसे आप कपड़ों या छाया से ढक नहीं सकते.
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समय का सही चयन करें
सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं और त्वचा कैंसर का कारण बन सकती हैं. आप कुछ आसान सी टिप्स को फॉलो कर अपनी त्वचा की रक्षा कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले है छाया में रहना. सुबह 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक की धूप सबसे तेज होती है. इस दौरान छाया में समय बिताएं.
धूप के चश्मे लगाएं
बाहर निकलते वक्त या घर में रहने के दौरान यदि आप धूप में बैठना चाहते हैं तो भी अपने शरीर को कपड़े से ढकें, सिर पर टोपी पहनें और धूप के चश्मे लगाएं. धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना फायदेमंद हो सकता है. कम से कम एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन लगाएं. इसे धूप की संपर्क में आने से पहले बिना लापरवाही किए लगाएं.
अलग-अलग हो सकते हैं लक्षण
धूप में सीधे तौर पर या ज्यादा समय तक रहने से किसी को भी सनबर्न हो सकता है. हर तरह के त्वचा वालों में सनबर्न के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. गहरे रंग वालों में यह खुजली के रूप में तो गोरे त्वचा वालों के लिए सनबर्न लाल या गुलाबी भी दिख सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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