एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दिया है. पंजाब सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को डल्लेवाल के स्वास्थ्य से जुड़ी रिपोर्ट कोर्ट को सौपी. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने रिपोर्ट देखने के बाद डल्लेवाल को अस्थायी अस्पताल से शिफ्ट करने का आदेश दिया है. कोर्ट 2 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि डल्लेवाल के सभी टेस्ट हुआ है ईसीजी सामान्य है, ब्लड सेंपल भी लिए थे, सब कुछ नियंत्रण में है.
दवाई खाने से मना कर रहे हैं डल्लेवाल
उनके हार्ट की स्थिति पर कोई प्रभाव नही पड़ा है. यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है, जिसकी दवाई की जरूरत है, लेकिन डल्लेवाल दवाई खाने से मना कर रहे हैं. कोर्ट ने डल्लेवाल के स्वास्थ्य की निगरानी करने को कहा है. डॉक्टरों के मुताबिक डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है. कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की स्थिर स्वास्थ्य स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है. यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना पंजाब सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है कि डल्लेवाल के जीवन को कोई नुकसान न हो.
‘किसानों के लिए अदालत के दरवाजे हमेशा खुले हैं’
वहीं किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया कि कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि सरकार उनकी मांगों पर पर विचार करें और एमएसपी गारंटी कानून बनाए. इससे पहले कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा था कि 70 साल का एक शख्स भूख हड़ताल पर है, उन्हें मेडिकल सुविधा क्यों नही दी जा रही है. कोर्ट ने कहा था कि किसानों के लिए अदालत के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं. कोर्ट ने कहा था कि डल्लेवाल भूख हड़ताल जारी उसी तरह रख सकते हैं, जिस तरह इरोम शर्मिला ने जारी रखा था.
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जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि अगर डल्लेवाल को कुछ हो गया तो राज्य सरकार के लिए अच्छा नही होगा. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करें कि डल्लेवाल को सभी मेडिकल सुविधाएं मिलती रहे. वही मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा था कि डल्लेवाल के साथ बातचीत हुई है. उन्होंने मेडिकल टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है. उनके सभी जरूरी अंग सही तरह से काम कर रहे हैं. जिसपर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि वह कौन डॉक्टर है जो बिना टेस्ट किए हुए कहता है कि डल्लेवाल ठीक है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि आपके अधिकारी मेडिकल सुविधा देने के बजाए डल्लेवाल को अदालत के मंच पर लाने के लिए उत्सुक क्यों है.
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