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मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी को दिया निर्देश, पेड़ों की कटाई से पहले लेनी होगी इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है, कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया है कि वह उसकी अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई न करे.

Supreme Court of India

सुप्रीम कोर्ट.

आरे कॉलोनी में पेड़ो की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी को निर्देश दिया है कि वह उसकी अनुमति के बिना मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई ना करें. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में लॉ के स्टूडेंट ऋषभ रंजन द्वारा सीजेआई को भेजे गए एक पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी, जिसमें कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दिया है. अदालत ने कहा कि वन प्रशासन आवेदनों पर कार्यवाही कर सकता है और फिर से वह अदालत से आदेश ले. वहीं मुंबई मेट्रो रेल निगम ने कोर्ट को बताया कि क्षेत्र में और पेड़ काटने का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है. कोर्ट पांच मार्च को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि आरे वन में और पेड़ो की कटाई की जरूरत है क्या? इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पेड़ काटने और जमीन समतल करने का काम चल रहा है. जबकि एमएमआरसीएल ने अदालत को बताया था कि अक्टूबर 2019 के बाद मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा गया है.


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17 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि मेट्रो ने केवल 84 पेडों की कटाई की अनुमति देने के अपने आदेश काउल्लंघन किया है. इसके लिए कोर्ट ने मेट्रो पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि एमएमआरसीएल के लिए यह अनुचित था कि वह हमारे यहां नहीं आकर 84 से अधिक पेड़ो की कटाई के लिए वृक्ष प्राधिकरण के पास गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को आरे वन से 177 पेड़ों को हटाने की अनुमति देते हुए कहा था कि पेडों की कटाई पर रोक लगाना सार्वजनिक परियोजना को ठप कर देगा. वहीं स्थानीय लोगों सहित हरित कार्यकर्ताओं ने पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध किया था. जिसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुचा था और हाई कोर्ट ने 2019 में आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने से इनकार कर दिया था.

-भारत एक्सप्रेस



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