
टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला से सांसद राशिद इंजीनियर की ओर से दायर अर्जी का राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विरोध किया है. इंजीनियर ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए बारामूला सांसद इंजीनियर रशीद को हिरासत पैरोल या अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि रशीद को कारावास से बचने के लिए सांसद के पद का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उनपर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गंभीर आरोप हैं. उन्हें न तो अंतरिम जमानत दी जा सकती है और न ही हिरासत पैरोल दी जा सकती है.
अदालत ने रशीद को अंतरिम जमानत देने से किया इनकार
NIA ने जस्टिस प्रतिबा मनिंदर सिंह एवं न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ से यह भी कहा कि रशीद को वैध हिरासत में रहते हुए संसद सत्र में शामिल होने का कोई अधिकार नहीं है. उसने रशीद पर कानून की प्रक्रिया का दुरु पयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि निर्वाचन क्षेत्र की सेवा करने के उनके इरादे के तहत उन्हें राहत देने का कोई वैध आधार नहीं है.
महज सांसद होने के कारण अपीलकर्ता को किसी भी अपवाद का दावा करने का अधिकार नहीं है. यह स्थापित कानून है कि विधायकों/सांसदों को वैध हिरासत में होने के दौरान सदन के सत्र में भाग लेने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है. उसने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के समय रशीद के खिलाफ एक विशेष अदालत ने आरोप तय किए थे. अब मुकदमा चल रहा है.
रशीद ने हिरासत पैरोल देने से इनकार करने के 10 मार्च के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी है. अदालत ने 4 अप्रैल तक लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए रशीद को कस्टडी पैरोल या अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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