Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और सभी हिंदू भक्त इसे हर साल मनाते हैं. 2023 में महा शिवरात्रि फरवरी में मनाई जाएगी. यदि आप शिवरात्रि की तिथि, पंचांग, मुहूर्त, पूजा विधि और समय के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो इस लेख को पढ़ते रहें.
महा शिवरात्रि कथा
हिंदू समुदाय भगवान शिव की पूजा करने के लिए महा शिवरात्रि मनाता है. ऐसा कहा जाता है कि हर साल हर चंद्र मास का चौदहवाँ दिन या पूर्णिमा से एक दिन पहले शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है, और यह भी कहा जाता है कि उस रात को भगवान शिव तांडव करते हैं और शक्ति से विवाह करते हैं. महा शिवरात्रि आमतौर पर फरवरी या मार्च में होती है. इतिहास के अनुसार शिवरात्रि महीने की सबसे काली रात होती है. महा शिवरात्रि लगभग अंधकार के उत्सव की तरह लगती है. लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि शिवरात्रि का अर्थ शिव और शक्ति के विवाह का उत्सव है.
शिव और पार्वती दोनों प्रेम, शक्ति और एकता के प्रतीक हैं. कहानी हमें बताती है कि कैसे भगवान शिव ने अपनी दिव्य पत्नी शक्ति से दूसरी बार विवाह किया. शिव और शक्ति की कथा के अनुसार, जिस दिन भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया था, उसे शिवरात्रि – भगवान शिव की रात के रूप में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि वैवाहिक जीवन में प्रेम, जुनून और एकता का प्रतीक है. शिव और शक्ति एक ही ऊर्जा के दो रूप हैं और साथ-साथ ही वे पूर्ण या शक्तिशाली रूप में खड़े होते हैं.
महा शिवरात्रि तिथि 2023
महा शिव हर साल मनाया जाता है। यह आमतौर पर फरवरी या मार्च के महीने में आता है. साल 2023 में शिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी. शिवरात्रि के दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और मुहूर्त के अनुसार पूजा करते हैं. लोग सुबह-सुबह मंदिर पहुंचते हैं और कुछ लोग उस दिन उपवास भी रखते हैं.
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महा शिवरात्रि पूजा विधि और समय
इस महा पर्व महा शिवरात्रि पर लोग पूजा अभिषेक करते हैं. यदि आप में से कुछ शिवरात्रि का इंतजार कर रहे हैं और यह नहीं जानते कि पूजा करने और भगवान शिव की पूजा करने के चरण क्या हैं, तो चिंता न करें. हम आपको कुछ उपाय बताएंगे. इन चरणों की मदद से आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं और महा शिवरात्रि पर पूजा कर सकते हैं.
भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होता है.
स्नान करने के बाद साफ और धुले हुए कपड़े पहनने चाहिए.
फिर भगवान शिव का आशीर्वाद लें ताकि आप इस व्रत को सफलतापूर्वक कर सकें.
अब अपने परिवार के साथ या अकेले शिव मंदिर जाएं और शिव लिंग की पूजा करें.
अब शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरे के फूल, पंचामृत, भांग और घर में बना प्रसाद आदि चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय का जाप करें.
पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें.
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