अरहर दाल
होली का त्योहार आने वाला है और इससे पहले आम जनता के लिए राहत भरी खबर है. केंद्र सरकार ने आम आदमी की रसोई में इस्तेमाल होने वाली साबुत अरहर-तूर दाल पर से आयात शुल्क हटा दिया है. इससे मंडियों में उपलब्ध दालों की कीमत में कमी आएगी. सरकार ने होली से ठीक पहले यह फैसला कर महंगाई में कुछ राहत देने का काम किया है. यानी अब व्यापारियों को देश में साबुत अरहर दाल आयात करने पर किसी तरह का आयात शुल्क नहीं देना होगा. हालांकि साबुत अरहर दाल को छोड़कर अन्य अरहर दाल पर पहले की तरह 10 फीसदी का मूल आयात शुल्क लागू रहेगा.
10 फीसदी आयात शुल्क हटाया गया
अभी तक सरकार ने पूरी अरहर दाल पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया था, जिसे अब पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 3 मार्च 2023 को साबुत तूर दाल पर से ड्यूटी हटाने का आदेश जारी किया है. यह आदेश 4 मार्च से लागू हो गया है. मतलब त्योहार से पहले आपको सस्ती दाल खरीदने का मौका मिल जाएगा. त्योहार में मेहमानों का आना-जाना लगा रहता है, देश की सबसे पसंदीदा अरहर की दाल बनानी पड़ती है जो अब सस्ते दामों में खरीदी जा सकती है.
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सरकार ने दिखाई सख्ती
केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में अरहर-तुअर दाल पर एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में सरकार ने कहा था कि अरहर दाल के कारोबारियों को देश में अपने स्टॉक की हर जानकारी अपनी राज्य सरकार को देनी होगी. अपने स्टॉक को FCI पोर्टल पर नियमित रूप से घोषित करना होगा. साथ ही सभी राज्यों की सरकार इसकी निगरानी करेगी. इससे दालों की कालाबाजारी और बढ़ती कीमतों पर रोक लगेगी. यह नियम देश के सभी व्यापारियों, आयातकों, आयातकों और शेयरों पर लागू होगा.
इतना होगा अरहर का उत्पादन
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में अरहर का उत्पादन पिछले साल के 43.4 लाख टन से कम होकर 38.9 लाख टन रहने का अनुमान है. वहीं देश में साल 2021-22 में करीब 7.6 लाख टन अरहर का आयात किया गया था. केंद्र ने कच्चे तेल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को बढ़ाकर 4400 रुपये प्रति टन करने की भी घोषणा की है. जिसके बाद 15 फरवरी से यह 4350 रुपये प्रति पीस पर चल रहा है.
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