(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
Maritime Development Fund: केंद्रीय बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) के अनुसार, सरकार जहाज निर्माण और मरम्मत क्लस्टरों को समर्थन देने के लिए जल्द ही 30,000 करोड़ रुपये का समुद्री विकास कोष स्थापित करेगी.
यह कदम अगले पांच वर्षों के लिए बंदरगाह क्षेत्र के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की अपग्रेड योजना को बढ़ावा देगी, जिसमें छह डीप ड्राफ्ट बंदरगाहों, दो ट्रांसशिपमेंट हब के साथ-साथ हरित और स्मार्ट बंदरगाहों का विकास शामिल है.
घरेलू जहाज निर्माण को बढ़ावा
यह कोष सभी प्रकार और आकारों के घरेलू जहाज निर्माण को बढ़ावा देगा, ताकि विदेशी जहाजों पर भारत की निर्भरता कम हो सके. वैश्विक जहाज निर्माण बाजार में भारत की हिस्सेदारी 1 प्रतिशत से भी कम है, जिस पर चीन, दक्षिण कोरिया और जापान का दबदबा है. बीते जून महीने में शिपिंग मंत्रालय ने फंड में शुरुआती दिलचस्पी का आकलन करने के लिए संभावित निवेशकों के साथ एक बैठक की थी.
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बताया जा रहा है कि इस परियोजना के लिए सरकार को अपने खजाने से लगभग 15,000 करोड़ रुपये (49 प्रतिशत) खर्च करने होंगे, जबकि शेष राशि (51 प्रतिशत) अर्ध-सरकारी संस्थाओं, निजी इक्विटी निवेशकों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) से आएगी.
बंदरगाह संचालन क्षमता
इसके इतर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘भारत का लक्ष्य 2047 तक बंदरगाह संचालन क्षमता को 10,000 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक पहुंचाना है, जिसके लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा जैसी पहलों के माध्यम से रणनीतिक व्यापार मार्गों का लाभ उठाया जाएगा.’ सोनोवाल ने आगे कहा कि मंत्रालय भविष्य के ऐसे जहाज बनाने की भी तैयारी कर रहा है, जो अमोनिया, हाइड्रोजन और बिजली जैसे स्वच्छ ईंधन से चलेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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