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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान 13 मई को होगा. 10 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 96 सीटों पर वोट पड़ेंगे. इस चरण में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मतदान पूरा हो जाएगा. चार चरण के बाद 18 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश की 379 सीटों पर वोटिंग पूरी हो जाएगी. देश के चुनावी पटल पर मुद्दे तेजी से बदल रहे हैं और मतदाताओं का मूड़ भी उतनी ही तेजी से स्विंग हो रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव—2024 का चौथा चरण बेहद निर्णायक है. सोमवार को 9 राज्यों तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश की 96 सीटों पर वोटिंग होगी. इनमें 21 स्विंग सीटें हैं..यानी 2019 में रिजल्ट पांच साल पहले जैसा नहीं रहा था. 2019 में 10 सीटों पर जीत-हार 1 के कम अंतर से हुई थी. इस चरण के बाद 18 राज्यों एवं 4 केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इस चरण में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे कई प्रमुख उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होगा.
उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीट में से, कन्नौज में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और भाजपा के मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक के बीच कड़ी टक्कर है, जबकि उन्नाव में भाजपा के मौजूदा सांसद साक्षी महाराज का मुकाबला सपा की अनु टंडन से है.
13 मई को जिन सीटों पर मतदान होना है, वहां पिछले चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाला राजग गठबंधन आगे रहा था. राजग के इन 96 लोकसभा सीट में से 40 से अधिक पर वर्तमान में सांसद हैं. 2019 में अकेले भाजपा को 42 सीटें मिली थीं. तब उसके 89 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था.
13 मई, सोमवार को ही आंध्र प्रदेश में सभी 25 लोकसभा सीटों पर और सभी 175 विधानसभा सीटों पर भी चुनाव हैं. यहां वाईएसआरसीपी विधानसभा की सभी 175 और लोकसभा की 25 सीट पर चुनाव लड़ रही है. भाजपा की अगुवाई वाले राजग गठबंधन में तेदेपा 144 विधानसभा सीट एवं 17 लोकसभा सीट पर, जबकि भाजपा 6 लोकसभा सीट एवं 10 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है. जनसेना 2 लोकसभा सीट और 21 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने 22, जबकि चंद्रबाबू की पार्टी ने तीन लोकसभा सीट जीती थीं.
निवार्चन आयोग का ध्यान अधिकतम मतदान कराने पर है. लोकसभा चुनाव के इस चौथे चरण में आरक्षण, तुष्टिकरण नीति, भ्रष्टाचार और रोजगार जैसे मुद्दे चुनाव प्रचार में छाए रहे. माना जा रहा है कि इस चरण में पिछले 3 चरणों की तुलना में अधिक मतदान हो सकता है. अधिकारियों का कहना है कि सोमवार को होने वाले मतदान के लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘चौथे चरण में कुल 17,47,810 मतदाताओं को नामांकित किया गया है, जिनमें 8,75,938 पुरुष, 8,71,808 महिलाएं और 64 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं. लगभग 11,682 दिव्यांग व्यक्ति और 100 वर्ष से अधिक आयु के 705 मतदाता हैं.’’
इस बार, श्रीनगर, गांदेरबल, पुलवामा, बडगाम और शोपियां जिलों के कुछ हिस्सों में 2,135 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इसी प्रकार, 13 मई के दिन मध्य प्रदेश की 8 सीटों पर मतदान के साथ ही राज्य की सभी 29 सीट पर चुनाव संपन्न हो जायेगा.
लोकसभा चुनाव के पहले तीन चरणों में क्रमशः 66.14 प्रतिशत, 66.71 प्रतिशत और 65.68 प्रतिशत मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग का मानना है कि 2019 के संसदीय चुनावों की तुलना में पिछले तीन चरणों में कम मतदान का एक कारण लू की स्थिति है. मतदान का सामान्य समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक है. इलाके, सूर्यास्त के समय और सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए इनमें मतदान के समय में कटौती की जाती है.
देश में अगले तीन चरणों का मतदान 20 मई, 25 मई और एक जून को होगा. मतगणना चार जून को होगी.
— भारत एक्सप्रेस
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