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Charles Sobhraj: लड़कियों को फंसाना फिर कर देना कत्ल, 5 लड़कियों की हत्या कर भी बच निकला था बिकिनी किलर, थाईलैंड में किया था पहला मर्डर

Charles Sobhraj: शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वो अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में रह चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है.

Charles sobhraj

कुख्यात आरोपी चार्ल्स शोभराज जेल से हुआ रिहा (फोटो ट्विटर)

Charles Sobhraj News: ‘बिकिनी किलर’ चार्ल्स शोभराज करीब दो दशक के बाद जेल से रिहा हो गया. नेपाल की शीर्ष अदालत के आदेश पर शुक्रवार को उसे जेल से रिहा कर दिया गया. सीरियल किलिंग के लिए कुख्यात चार्ल्स शोभराज के ऊपर 20 से ज्यादा लोगों की हत्या करने का आरोप था. वो दुनिया के 9 देशों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा था. भारतीय और वियतनामी माता-पिता के फ्रांसीसी मूल के बेटे शोभराज की रिहाई के संबंध में कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे आव्रजन अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है.

चार्ल्स शोभराज को कनाडाई पर्यटक लॉरेंट कैरियर की हत्या का दोषी ठहराया गया और दूसरी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी. नेपाल में उम्रकैद की सजा का मतलब 20 साल की जेल है. शोभराज ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि उसे जरूरत से ज्यादा समय तक जेल में रखा गया है. नेपाल की सुप्रीम कोर्ट की जज सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद शेष्ठ की बेंच ने 78 साल के शोभराज की एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए ये फैसला दिया. नेपाल में जेल में 75 प्रतिशत सजा पूरी कर चुके और इस दौरान अच्छा चरित्र दर्शाने वाले कैदियों को रिहा करने का कानूनी प्रावधान है.

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2003 में पकड़ गया शोभराज

शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वो अपनी 20 साल की सजा में से 19 साल जेल में काट चुका है और अच्छे व्यवहार के लिए उसकी रिहाई की सिफारिश की जा चुकी है. शोभराज को अगस्त 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में देखा गया था और गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चला और कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सुनाई थी.

थाईलैंड में किया 5 लड़कियों का मर्डर!

चार्ल्स शोभराज पर 1972 में थाईलैंड में 5 लड़कियों के खून करने का इल्जाम लगा था. वह लड़कियों को समंदर के किनारे या स्वीमिंग पुल में अपना शिकार बनाता था, जिसके बाद उसका नाम ‘बिकिनी किलर’ पड़ गया था. थाईलैंड के कानून के मुताबिक, उसको फांसी की सजा मिलना तय थी. लेकिन वहां के कानून में एक शर्त ये भी थी कि ये सजा उसे 20 सालों के अंदर ही मिलनी चाहिए थी और कानून की इसी शर्त का चार्ल्स ने फायदा उठाया. वो अब थाईलैंड पुलिस की गिरफ्त में नहीं आना चाहता था. इसके बाद वह भारत में 1976 में पकड़ा गया और इस तरह से वह थाईलैंड पुलिस की गिरफ्त में आने से बच गया.

– भारत एक्सप्रेस

 

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