NIA (फाइल फोटो)
National Investigation Agency: राष्टीय जांच एजंसी NIA ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नापाक इरादों का खुसाला किया है. NIA ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के पांच सदस्यों के खिलाफ एक आरोप पत्र दायर किया है. दरअसल राष्टीय जांच एजंसी ने मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने, भड़काने और भर्ती करने और विशेष रूप से आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में हथियारों का प्रशिक्षण देने को लेकर आरोप पत्र दायर किया है. NIA के मुताबिक, PFI का लक्ष्य 2047 तक भारत को इस्लामिक राज्य बनाने का है.
एनआईए (NIA) ने एक अदालत को बताया है कि “प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने अपने इरादों को पूरा करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में विंग तैयार कर रखी थी. इस विंग के जरिए भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन को स्थापित करने के लिए हिंसक गतिविधियों को आगे बढ़ाना था.”
‘आरोपी प्रशिक्षित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया कैडर हैं’
एनआईए ने बीत दिनों केरल के कोच्चि और तमिलनाडु के चेन्नई में दो अलग-अलग मामलों में पीएफआई के कुल 68 नेताओं, कार्यकर्ताओं और सदस्यों के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की हैं. इन मामलों को मिलाकर NIA इस महीने में अब तक कुल 4 मामले रिपोर्ट कर चुकी है. एनआईए ने अपनी चार्टशीट में बताया कि आरोपी प्रशिक्षित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) कैडर हैं, जो प्रभावशाली मुस्लिम युवाओं को भड़काने और कट्टरपंथी बनाने में शामिल पाए गए हैं. PFI ने उन्हें पहले भर्ती किया और विशेष रूप से आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया. जिससे उनका उद्देश्य 2047 तक देश में इस्लामिक शासन स्थापित करना था.
किन लोगों के खिलाफ दायर है आरोप पत्र
एनआईए ने शेख रहीम उर्फ अब्दुल रहीम, अब्दुल वारिस, शेख वाहिद अली उर्फ अब्दुल वहीद अली,जफरुल्ला खान पठान और शेख रियाज के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. इन सभी पर आईपीसी (IPC) और यूए(पी)ए (UAPA) की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है. दिसंबर 2022 में, एनआईए ने अगस्त 2022 में तेलंगाना पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने के बाद मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था.
– भारत एक्सप्रेस
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