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जी20 बैठक भविष्य की जलवायु वार्ताओं को आकार देने में मदद करेगी : विशेषज्ञ

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कहा, “जैव विविधता और पर्यावरण के क्षरण के प्रभाव विश्व स्तर पर तेजी से स्पष्ट हो रहे हैं.

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने कहा, “जैव विविधता और पर्यावरण के क्षरण के प्रभाव विश्व स्तर पर तेजी से स्पष्ट हो रहे हैं, जो प्रगति को बनाए रखने तथा कल्याण और समृद्धि को बढ़ावा देने के प्रयासों में महत्वपूर्ण बाधाओं के रूप में सामने आ रहे हैं. इसलिए जी20 देशों के लिए आवश्यक है कि जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान से जुड़े मामलों का संयुक्त अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से सामूहिक रूप से समाधान किया जाये. भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई उन्मुख होने के लिए प्रतिबद्ध है.“ वे जी20 पर्यावरण और जलवायु स्थायित्व कार्य समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) की तीसरी बैठक के दूसरे दिन उद्घाटन भाषण दे रहे थे.

कपिल मोरेश्वर पाटिल ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के मुद्दों के क्षेत्र में ईसीएसडब्ल्यूजी द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना की. उन्होंने समुद्र-तट स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता और महासागर 20 संवाद पर सार्थक चर्चा के लिए कार्य समूह को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ईसीएसडब्ल्यूजी, पहचान की गई विषयगत प्राथमिकताओं के सार्थक परिणामों की दिशा में सक्रियता से काम कर रहा है और इसका उद्देश्य सर्वसम्मति के साथ एक सफल विज्ञप्ति तैयार करना है.

पर्यावरण की रक्षा में ग्रामीण समुदायों को शामिल करने के महत्व के बारे में मंत्री ने कहा, “सतत विकास हासिल करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम न केवल शहरी केंद्रों पर, बल्कि अपने ग्रामीण समुदायों की भलाई और प्रगति पर भी ध्यान दें. कृषि पर अधिक निर्भरता वाले ग्रामीण क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं. बारिश के पैटर्न में बदलाव, सूखे और पानी की कमी, गर्म हवाएं व अत्यधिक तापमान तथा चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि ने ग्रामीण समुदायों की आजीविका, खाद्य सुरक्षा और समग्र कल्याण के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं.

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प्रकृति के साथ सद्भाव में जीवन यापन करना, ग्रामीण और गैर-शहरी क्षेत्रों में जीवन का तरीका रहा है. भारत पारंपरिक रूप से एक राष्ट्र के रूप में एक सतत जीवन-शैली का पालन करने के लिए जाना जाता है. इस परंपरा के साथ तालमेल बिठाते हुए, हमारी पंचायती राज संस्थाएं नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के साथ-साथ वनीकरण अभियान, अपशिष्ट प्रबंधन और जल संसाधनों के संरक्षण जैसी गतिविधियों में ग्रामीण समुदायों को शामिल करने के लिए सक्रियता से कार्य कर रहीं हैं, ताकि नागरिकों में पर्यावरण-देखभाल की भावना को बढ़ावा दिया जा सके.

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