मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से झटका
Manish Kashyap: बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी एक याचिका पर विचार करने से मना कर दिया. मनीष कश्यप ने अपने ऊपर लगे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और सभी 19 एफआईआर (FIR) को एकत्रित करके बिहात ट्रांसफर करने के मामले में याचिका दायर की थी. उन पर तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमले के आरोप वाले फर्जी वीडियो कथित रूप से जारी करने के मामले में NSA लगाया गया है. चीफ जस्टीस डी वाई चंद्रचूड़ और जज पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला ने कश्यप को रासुका (NSA) लगाये जाने के मामले में हाईकोर्ट जाने का आदेश दे दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कश्यप के खिलाफ सभी 19 एफआईआर (FIR) को मिलाने और उन्हें बिहार ट्रांसफर करने का अनुरोध करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया. कश्यप इस समय तमिलनाडु की मदुरै जेल में बंद है. उनकी ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह की दलीलों को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा, ‘‘हम याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं.’’
फर्जी वीडियो बनाकर शांत में अशांति फैलाने की कोशिश
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फर्जी वीडियो बनाकर राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश की गई. कश्यप के वकील ने कहा कि उसने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ये वीडियो बनाए थे. अगर उसे रासुका (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मीडिया में छापने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि अगर ये लड़का जेल में है, तो सभी पत्रकारों को जेल में होना चाहिए. हालांकि तनिलनाडु सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वो पत्रकार नहीं है, विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है.
तमिलनाडु और बिहार की सरकार नोटिस जारी किया था
इससे पहले शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार को कश्यप की संशोधित याचिका पर जवाब देने को कहा था. तमिलनाडु की ओर से वकील अमित आनंद तिवारी ने पक्ष रखा. गिरफ्तार यूट्यूबर के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज कराई गयी हैं जिनमें तीन बिहार में दर्ज हुई हैं. कश्यप के खिलाफ 19 एफआईआर (FIR) को मिलाने और गृह राज्य में ट्रांसफर करने की उसकी याचिका पर न्यायालय ने 11 अप्रैल को केंद्र, तमिलनाडु और बिहार की सरकार को नोटिस जारी किया था.
– भारत सरकार
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