उद्धव ठाकरे पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court: महाराष्ट में चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को देने के बाद उद्धव गुट में खलबली मची हुई है. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगावाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कोर्ट से आयोग के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. उद्धव ठाकरे की याचिका में आयोग पर निष्पक्ष नहीं होने का आरोप लगाया गया है.
याचिका में कहा गया है कि “आयोग की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही है. चुनाव आयोग का कार्य व्यवहार उसके संवैधानिक कद के अनुरूप नहीं रहा. आयोग ने अयोग्यता की कार्रवाई का सामना कर रहे विधायकों की दलीलों के आधार पर फैसला लेकर गलती की है. पार्टी में टूट की बात के सबूत की गैरमौजूदगी में आयोग का फैसला त्रुटिपूर्ण है. चुनाव आयोग ने इस मामले को संवैधानिक पैमाने पर नहीं जांचा. उद्धव ठाकरे ने ये भी दावा किया है कि उनके पास पार्टी के संगठन का बहुमत है”.
‘मुझसे हर चीज छीन ली गई’
उद्धव ठाकरे ने इस मामले पर कहा कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से मामले में सुनवाई शुरू होगी.उन्होंने आगे कहा कि मुझसे हर चीज छीन ली गई. हमारी पार्टी का नाम और चिन्ह हमसे छीन लिया गया, लेकिन ‘ठाकरे’ नाम हमसे कोई छीन नहीं सकता. अगर महाराष्ट्र में मौजूदा स्थिति नहीं संभाली गई तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित हो सकता है, क्योंकि इसके बाद यहां अराजकता शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि सुप्रीम कोर्ट में निलंबित विधायकों का मामला है और जब तक फैसला नहीं आ जाता, अपना फैसला मत सुनाइए.
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‘डिप्टी सीएम सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कसा तंज’
उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रूख किए जाने के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि “जिन लोगों ने दावा किया था कि बीजेपी के साथ 25 सालों के गठजोड़ में उनकी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है, उन्होंने NCP और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के बाद ढाई साल में अपनी पार्टी को खत्म होते देख लिया”.