शव यात्रा के दौरान ‘राम नाम सत्य है’ क्यों बोलते हैं? यहां जाने इसका महत्त्व
By निहारिका गुप्ता
Hindenburg Case: अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज SEBI को बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए 3 और महीने का समय दे दिया. इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले की जांच को SEBI से लेकर SIT को देने से भी इनकार कर दिया. SEBI की जांच रिपोर्ट में दखल से सुप्रीम कोर्ट के इनकार को अडानी ग्रुप के सपोर्टर्स अपनी जीत के रूप में देख रहे हैं. वहीं, ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी खुशी जाहिर की.
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी का बयान आया है. उन्होंने अभी ट्वीट कर कहा— “सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है. सत्यमेव जयते.” इसके अलावा अडानी बोले कि मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा. जय हिन्द.!
बता दें कि हिंडनबर्ग मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने फैसला सुनाया. फैसले में कहा गया कि SEBI के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में दखल देने की इस कोर्ट की शक्ति सीमित है. SEBI ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है. सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए हम SEBI को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं.
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