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कांचा गालीबोवली वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, तेलंगाना सरकार को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई को लेकर सरकार से तीखे सवाल किए हैं. अदालत ने पूछा कि वनों की कटाई को शुरू करने की इतनी आपातकालीन आवश्यकता क्यों थी?

Kancha Gaalibovalli forest
Edited by Akansha

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के कांचा गालीबोवली वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हम केवल पर्यावरण को होने वाले नुकसान से चिंतित है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि तेलंगाना के कांचा गालीबोवली वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से पहले अनुमति ली गई थी या नहीं, यह साफ तौर पर हमें बताना है. कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखा है.

कोर्ट 15 मई को करेगा अगली सुनवाई

कोर्ट ने राज्य सरकार को सीईसी की रिपोर्ट के आधार पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. कोर्ट 15 मई को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने कहा कि हम सबसे पहले 100 एकड़ जमीन की बहाली पर काम कर रहे हैं. वहीं एक वकील द्वारा हस्तक्षेप करने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पिछले छह महीनों में मुझे कितनी बार कहना पड़ेगा कि यह सबसे अनुशासनहीन अदालत है. जस्टिस गवई ने कहा कि जो मैंने नागपुर, बॉम्बे हाईकोर्ट में देखा है इससे कहीं ज्यादा बेहतर हैं.

वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट सख्त (Kancha Gaalibovalli forest)

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार के वन्यजीव वार्डन को निर्देश दिया कि 100 एकड़ में वनों की कटाई के कारण हुए वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आवश्यक जांच करने के निर्देश दिए है. साथ ही कोर्ट ने तत्काल कदम उठाने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान तेलंगाना सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीईसी की रिपोर्ट बहुत बड़ी है और इसलिए जवाब देने के लिए समय चाहिए.

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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा ये सवाल (Kancha Gaalibovalli forest)

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कोर्ट ने पूछा कि पेड़ों की कटाई से पहले अनुमति ली गई थी कि नहीं. जिसपर वकील ने कहा कि अनुमति ली गई थी. इसके साथ ही उन जमीनों पर जामुन जैसे पेड़ और झाड़ियों को हटाया गया था. कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि हम तेलंगाना के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि जब तक इस अदालत द्वारा अगला आदेश पारित नहीं किया जाता हैं, कांचा गाचीबोवलीवन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी जाएगी.

कांचा गाचीबोवली जंगल में बड़े पैमाने पर हो रही वनों की कटाई

कोर्ट ने कहा था कि अखबारों से पता चला कि कांचा गाचीबोवली जंगल में वनों की कटाई बड़े पैमाने पर की जा रही हैं. जिससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा जा रहा है. कोर्ट को बताया गया है उस वन क्षेत्र में 8 प्रकार के अनुसूचित जानवर भी रहते हैं. यह मामला तब सामने आया जब 30 मार्च से बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए. इसपर छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने विरोध किया जिसके बाद मामला अदालत तक पहुंचा था. दरअसल की कांग्रेस सरकार ने यहां आईटी पार्क के विकास के लिए 400 एकड़ जमीन की नीलामी करने का फैसला लिया है. यहां पिछले कुछ वर्षों में रणनीतिक रूप से स्थित विशाल भूखंडों की मांग बढ़ गई है. यहां कई कंपनियों ने अपना मुख्यालय स्थापित कर लिया हैं.

-भारत एक्सप्रेस 



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