
Eyesight Increasing Foods: उम्र बढ़ने के साथ ही आंखों के कमजोर होने जैसी दिक्कतें देखी जाती हैं. कई बार शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी आंखों की दिक्कतों की वजह बन जाती है. ऐसे में अगर खानपान पर ध्यान ना दें तो आंखों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और धूंधला दिखाई देने लगता है. यह समस्या बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि छोटे बच्चे आजकल पढ़ाई हो या फिर एंटरटेमेंट हर चीज के लिए बस मोबाइल पर निर्भर रहते हैं. अगर आप अपने आंखों से चश्मा हटाना चाहते हैं तो आप हम आपको एक ऐसे 5 फूड्स के बारे में बताएंगे जिससे आपकी आंखों में धुंधलापन कम हो जाएगा और अपके आंखों की रोशनी भी बढ़ जाएगी.
हरी पत्तेदार सब्जियों का करें सेवन
अगर आप अपनी आंखों की रोशन बढ़ाना चाहते हैं तो आप अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें. सब्जियों में विटामीन C और A भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा इनमें कैरोटीनॉयलड ल्यूटिन भी पाया जाता है. इन प्लांट बेस्ड विटामिन A के सेवन से मोतियाबिंद जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और आंखों की रोशनी भी तेज हो जाती है.
अंडे का करें सेवन
इसके अलावा अंडे को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. अंडे में प्रचुर मात्रा में ल्यूटिन, जेक्सैंथिन और जिंक सामग्री पाए जाते हैं जिसके कारण आपके आंखों की परेशानी दूर जाती है और ये आंखों के स्वास्थय के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं जो एक एंटऑक्सीडेंट्स हैं और रोटिना की रक्षा करते हैं. यह उम्र से संबंधित आंखों की दिक्कतों को दूर रखता है.
गाजर
हम बचपन से सुनते आए हैं कि गाजर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है. असल में गाजर बीटा कैरोटीन का भरपूर स्त्रोत होता है जिसे शरीर विटामिन ए में बदल देता है. यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में और आंखों को स्वस्थ रखने में काम करता है.
बादाम
आपने अक्सर बुढ़े बुजुर्ग लोगों के मुंह से सुना होगा कि बादाम खाने से दिमाग तेज होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बादाम से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है. माना जाता है कि सूखे मेवो में बादाम विटामिन ई से भरपूर होते हैं. यह एक ऐसी एंटी-ऑक्सीडेंट है जो आंखों की टिशूज को डैमेज से बचाता है. बादाम को खाने पर आंखें दुरुस्त रहती हैं. इससे आंखों की दिक्कतें कोसों दूर रहने लगती है.
बीज और फलियां
छोले, चना, राजमा, दालें, अलसी, तरबूज-खरबूजे के बीज जैसे बीज और फलियां इन सभी में जिंक की मात्रा अधिक होती है. यह अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ मिलने पर उम्र की वजह से होने वाली मैक्युलर डिजनरेशन की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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