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India Women Team: खेल का मैदान जीत रही हैं लड़कियां, अपने हौसले से बुलंदियों पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम

सबसे पहले बात महिला क्रिकेट टीम के संघर्ष और सफलता की. इंडियन विमेन क्रिकेट टीम का इतिहास 47 साल पुराना है. 1976 में इंडिया की विमेन क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था.

Smriti Mandhana

Photo- BCCI Women (@BCCIWomen)/Twitter

India Women Team: भारत में क्रिकेट एक रिलीजन की तरह फॉलो किया जाता है और क्रिकेटर्स को किसी भी अन्य क्षेत्र की सेलेब्रिटी से बड़ा स्टेटस प्राप्त है. सचिन, गांगुली, धोनी और कोहली एक ऐसे स्टार हैं जिनके पीछे हुजूम चला करती है और इनके सामने शायद ही किसी अन्य खेल या क्षेत्र का सेलेब्रिटी अपनी चमक बरकरार रख पाता है. लेकिन ये सब सिर्फ पुरुष क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों तक ही सीमित है. इंडियन महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी वो नाम और लोकप्रियता हासिल नहीं कर पाई हैं जो पुरुष क्रिकेटरों को मिलता है. परंतु अब माहौल बदल रहा है. इंडियन पुरुष क्रिकेट टीम की तरह महिला क्रिकेट टीम भी अब सफलता की सीढियां चढ़ रही है और दौलत, शोहरत के मामले में पुरुष क्रिकेटरों को टक्कर देने को तैयार है. ये सब संभव हुआ है महिला क्रिकेट टीम के वर्षों के संघर्ष और बीसीसीआई द्वारा हाल के दिनों में महिला क्रिकेट को बढ़ावा दिए जाने वाले कदमों को उठाने की वजह से.

आसान नहीं रहा ये सफर
सबसे पहले बात महिला क्रिकेट टीम के संघर्ष और सफलता की. इंडियन विमेन क्रिकेट टीम का इतिहास 47 साल पुराना है. 1976 में इंडिया की विमेन क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला था. इंडिया जैसे देश में विमेंस के लिए क्रिकेट आसान नहीं था और पुरुषों जैसी सुविधाएं भी उन्हें नहीं मिलती थी बावजूद इसके पिछले 47 साल से विमेन क्रिकेट का सफर बदस्तूर जारी है और लंबे संघर्ष के बाद इंडियन विमने क्रिकेट टीम भी आज पुरुष क्रिकेट टीम की तरह ही अपनी एक मजबूत पहचान बना चुकी है और वर्ल्ड की किसी भी टीम को हराने का माद्दा रखती है. विश्व कप फाइनल खेलना, कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल अपने नाम करना, अंडर 19 में 50 ओवर में 5 बार और हाल ही में पहली बार टी 20 फॉर्मेट में विश्व चैंपियन बनना इंडियन विमेन क्रिकेट की ताकत को बताता है.

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खेल का मैदान जीत रही हैं लड़कियां

विमेन क्रिकेटरों ने अपनी सफलता की कहानी तो लिखनी शुरु कर दी थी पर उन्हें उनकी मेहनत का वाजिब पुरस्कार मिलना बाकी था. लेकिन जैसा कहा जाता है कि ईश्वर के घर में देर है अंधेर नहीं ठीक वैसे ही पिछला साल इंडियन विमेन क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक रहा. BCCI ने विमेन क्रिकेट की सफलता को देखते हुए पिछले वर्ष महिला क्रिकेटरों के लिए भी उसी मैच फिस का ऐलान किया जो पुरुषों को मिलती है. ये BCCI का बड़ा और महत्वपूर्ण कदम था और वर्षों से अपेक्षित था. विमेन IPL का आगाज भी हो चुका है जिसका पहला एडिशन जल्द शुरु (2023 में) होने वाला है. इस लीग से महिला क्रिकेटरों को एक वैश्विक मंच और फाइनेंशियल बूस्ट मिलेगा. BCCI ने अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने वाली खिलाड़ियों के लिए भी 5 करोड़ रुपये की इनामी राशी की घोषणा की है जो युवा क्रिकेटरों को क्रिकेट में आगे बढ़ने को प्रेरित करेगा. बीसीसीआई के इन कदमों से इंडियन विमेन क्रिकेट में क्रांतिकारी बदलाव आएगा.

लोकप्रियता में पुरुष क्रिकेटरों को टक्कर
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कई ऐसी क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने बेहतरीन खेल से न सिर्फ क्रिकेट को बदला है बल्कि लोकप्रियता के मामले में मेल क्रिकेटर्स को भी टक्कर दे रही हैं. एड वर्ल्ड में भी अब उनका दखल है. मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसी क्रिकेटर तो क्रिकेट से संन्यास ले चुकी हैं बावजूद इसके उनका योगदान विमेन क्रिकेट को शिखर पर पहुँचाने में ऐतिहासिक है. ये पहली वैसी क्रिकेटर रहीं जिन्होंने शोहरत की बुलंदिया छुईं. आज स्मृ़ति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, शेफाली वर्मा, रेणुका सिंह ठाकुर जैसी क्रिकेटर्स का नाम इंडिया के साथ साथ दुनियाभर में गूंज रहा है. हालांकि ये विमेन क्रिकेट की सफलता की शुरुआत है जिसकी मंजिल अभी बहुत दूर है.

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