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राशिद इंजीनियर शेख अब्दुल रशीद के नाम से भी जाना जाता है. वह 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण (आतंकी फंडिंग) मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

पीएफआई के अध्यक्ष सलाम को आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए ने 2022 में प्रतिबंधित संगठन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था.

सादिया अनवर शेख को सात साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी. उसे 18 अप्रैल, 2024 को दोषी ठहराया गया था.

मामले की सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह मामले में खुद बहस करेंगे. वह किसी वकील के माध्यम से बहस करना नहीं चाहते हैं. बल्कि व्यक्तिगत रूप से मामले पर बहस करेंगे.

आतंकी रिजवान को पकड़ने के लिए काफी समय से सुरक्षा बलों ने अपने नेटवर्क को एक्टिव किया हुआ था. वह काफी समय से फरार चल रहा था.

इंजीनियर राशिद को 2016 के जम्मू कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार गया गया था और फिलहाल जेल में बंद हैं.

महेश राउत को जून 2018 में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं. मामला दिसंबर 2017 में महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एल्गार परिषद से संबंधित है.

एनआईए जांच से पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे, जो कानूनी रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे।

एनआईए ने 23 अक्टूबर 2023 को मद्रास हाइकोर्ट से PFI से जुड़े 8 सदस्यों को मिली जमानत को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

एनआईए ने अपने आरोप पत्र में अर्श डाला के अलावा उसके भारतीय एजेंट हरजीत सिंह उर्फ हैरी मौर, रविंदर सिंह उर्फ राजविंदर सिंह उर्फ हैरी राजपुरा एवं राजीव कुमार उर्फ शीला को नामित किया है.