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Vande Bharat Express: इन कंपनियों ने जीता 200 नई स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का टेंडर, सबसे कम बोली लगाई

Sleeper Vande Bharat Express Train: देश में 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने के लिए टेंडर जारी किया गया ​था, जिसे दो कंपनियों ने जीता है. कुल 58,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

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वंदे भारत एक्सप्रेस

देश की सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का नया वर्जन जल्द आएगा.  रेलवे की ओर से 200 नई स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों के लिए जारी टेंडर के लिए बोलियां प्राप्त हो गई हैं.  यह टेंडर दो कंपनियों ने जीता है.  इन कंपनियों की बोली सबसे कम थी.

रेलवे के नियमों के मुताबिक अब इन दोनों कंपनियों को 200 वंदे भारत ट्रेनें बनाने का ठेका जारी किया जाएगा. सबसे कम बोली लगाने वाले को 120 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के निर्माण का ठेका दिया जाएगा, जबकि दूसरे सबसे कम बोली लगाने वाले को 80 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के निर्माण का ठेका मिलेगा.

किस कंपनी ने सबसे कम बोली लगाई 

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, रूस की सीजेएससी ट्रांसमाशहोल्डिंग एंड रेल विकास निगम लिमिटेड (टीएमएच-आरवीएनएल) कंसोर्टियम ने 200 सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए सबसे कम बोली लगाई है. इसमें रूसी कंपनी ने सबसे कम बोली लगाई है.  दोनों कंपनियों की बोली 58,000 करोड़ रुपये है.  इसके बाद तीसरे नंबर पर भेल-टीटागढ़ वैगन कंसोर्टियम ने सबसे कम बोली लगाई है.

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स्लीपर ट्रेन कितने कोच की होगी 

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 16 कोच की होगी और यह ट्रेन लंबी दूरी के लिए चलाई जाएगी. इन कोचों का निर्माण लातूर, महाराष्ट्र में रेलवे कारखाने और चेन्नई में आईसीएफ में किया जाएगा.  सबसे कम बोली लगाने वाले को रखरखाव, रखरखाव और अन्य काम सौंपा जाएगा और यह कंपनी लातूर कारखाने में इसका निर्माण करेगी.  दूसरा सबसे कम बोली लगाने वाला चेन्नई में 80 वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण करेगा.

वंदे भारत की एक ट्रेन के लिए 120 करोड़ 

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी कंपनी ने प्रति ट्रेन सेट के लिए 120 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जो पहले बनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से कम है. दूसरी ओर, दूसरी कंपनी ने प्रत्येक वंदे भारत ट्रेन के लिए 128 करोड़ रुपये की बोली लगाई है.  ऐसे में 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को बनाने में 58,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 35 साल के लिए मेंटेनेंस चार्ज भी मिलता है. 

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