एक ऐसा अनोखा देश, जहां आजादी के बाद से कभी नहीं हुआ इलेक्शन, जानें वजह
By Akansha
Global Politics: दुनिया इस वक्त दो बड़े युद्धों से जूझ रही है. यूरेशिया में रूस और यूक्रेन, तो पश्चिमी एशिया में इजरायल और हमास की लड़ाई को शुरू हुए लंबा अरसा हो गया है. इन युद्धों में हजारों लोग मारे जा चुके हैं और अरबों डॉलर की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. सैन्य टकरावों के परिणामस्वरूप बड़ी आबादी खाने-पीने और घर-मकान के लिए तरस रही है.
रूस और यूक्रेन की बात की जाए तो 2022 की शुरूआत में उनके बीच लड़ाई छिड़ी, लेकिन 2 साल बाद भी दोनों में से कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है. यूक्रेन रूस के मुकाबले में काफी छोटा देश है, रूस की गिनती दुनिया के दूसरे सबसे ताकतवर देश के रूप में होती है, इसके बावजूद यूक्रेन उसके सामने हार नहीं मान रहा. यूक्रेनी सेना यह भी दावा करती है कि उसने अपने देश की रक्षा करते हुए एक लाख से ज्यादा रूसी सैनिकों को मौत के घाट उतारा है, वहीं, दूसरी ओर रूस के भारी हथियारों, बमों और मिसाइलों के हमलों ने यूक्रेन की हजारों इमारतों को ध्वस्त कर दिया.
रूसी हमलों के चलते लाखों यूक्रेनी नागरिकों ने भागकर यूरोप के अन्य देशों में शरण ली. युद्ध प्रभावित क्षेत्र से घायल हुए लोगों की, रोते बिलखते बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की विचलित कर देने वाली तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं, और यूएन रूस पर पाबंदियों की झड़ी लगाते जा रहा है. मगर, न रूस और न ही यूक्रेन संघर्ष खत्म करने के लिए उदारता दिखा रहा है, युद्ध में यूक्रेन के इस तरह टिके की वजह पश्चिमी देशों से मिले हथियार और अन्य मदद हैं, अकेले अमेरिका ने लाखों डॉलर उसे दिए हैं.
अब बात करें इजरायल और हमास की, तो इन दोनों के बीच गाजा पट्टी में खूनी जंग अब तक जारी है. इनकी वजह से कई अन्य देशों के रिश्ते भी काफी तल्ख नज़र आ रहे हैं. दो-चार देशों का यह सैन्य टकराव दुनिया के अन्य देशों के लोगों को सताए जा रहा है, राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि कहीं यह स्थिति तृतीय विश्व युद्ध तक न पहुंच जाए. अगर ऐसी नौबत आ जाती है तो परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल होने की संभावना है. परमाणु हथियार चले तो युद्ध क्षेत्रों से मानव सभ्यता का नामो-निशा मिट जाएगा.
वैश्विक उथल-पुथल के बीच फाइनेंशियल टाइम्स ने एक बेहद ही हैरान कर देने वाली रिपोर्ट पब्लिश कर दी, जिसे लीक हुए दस्तावेजों के हवाले से दुनिया को दिखाया गया. इसमें कहा गया कि यूक्रेन से चल रही जंग में यदि कोई बड़ा देश परोक्ष रूप से शामिल हुआ तो रूस परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है. लीक हुई फाइलें 2008 से 2014 के बीच की बताई जा रही हैं. जिनसे ये आकलन किया जा रहा है कि रूस परमाणु हथियारों का कब और किस स्थिति में इस्तेमाल करेगा, सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि रूस ने पूरा प्लान पहले से ही तय कर के रखा हुआ है.
लीक हुए दस्तावेजों के आधार पर, निकट भविष्य में जंग में रूस जिन परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेगा, वे अधिक विध्वंसक नहीं होंगे. मगर, परमाणु हथियार जब इस्तेमाल किए जाते हैं तो ये कहना मुश्किल है कि उससे ज्यादा नुकसान नहीं होगा, वो जहां गिराए जाएंगे, वहां वे बर्बादी ही करेंगे.
कुछ दस्तावेजों का हवाला देते हुए इंटरनेशनल मीडिया में कहा जा रहा है कि अगर रूस के 3 एयरफील्ड (Airfield) नष्ट हो जाते हैं तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर देगा. बात यहीं ख़त्म नहीं हो जाती है,अगर रूस की न्यूक्लियर पावर वाली 30 पनडुब्बियां तबाह हो जाती हैं तब भी रूस परमाणु हमले का इस्तेमाल करना शुरू कर देगा. वैसे यह सिर्फ और सिर्फ रूस के राष्ट्रपति पुतिन को ही पता है कि रूस कहां और कब परमाणु हथियार दाग सकता है.
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