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‘राजनीतिक सहूलियत से आतंकवाद पर कार्रवाई नहीं होने दी जाती’, कनाडा-खालिस्‍तान पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोले S जयशंकर

एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. वहां उन्होंने कहा कि देशों को आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं लेना चाहिए. भारत विभिन्न साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है.

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एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

S Jaishankar Speech: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए आतंक पर कार्रवाई में रोड़े डालने वालों और आतंक का समर्थन करने वालों को आड़े हाथों लिया. संयुक्त राष्ट्र महासभा में जयशंकर ने कनाडा का नाम लिए बगैर कहा- राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत है. हम ये मानते हैं कि संप्रभुता का सम्मान जरूरी है, पर ये सम्मान चुनिंदा नहीं होना चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में जयशंकर ने आगे कहा- “आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं लेना चाहिए. अपनी सहूलियत के हिसाब से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं हो सकता. जब वास्तविकता, बयानबाजी से कोसों दूर हो जाए तो हमारे भीतर इसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस होना चाहिए.” उन्‍होंने कहा कि भारत विभिन्न साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है. अब हम गुटनिरपेक्षता के युग से अब विश्व मित्र के रूप में विकसित हो गए हैं. यह क्वाड के विकास और ब्रिक्स समूह के विस्तार से झलकता है.

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बेहद उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रही दुनिया

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए जयशंकर कहा कि दुनिया आज बेहद उथल-पुथल भरे दौर से गुजर रही है. ऐसे समय में भारत ने G20 के अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. यह समय हमारी उपलब्धियों और चुनौतियों का जायजा लेने का है. लेकिन कुछ देश अपने हिसाब से एजेंडा तय करने में लगे हैं. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, हम परंपराओं और तकनीक दोनों को आत्मविश्वास के साथ एक साथ पेश करते हैं. यही तालमेल आज भारत को परिभाषित करता है. यही भारत है. हमारा भारत.

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कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान

संयुक्त राष्ट्र महासभा जयशंकर ने भारत में हुए G20 समिट पर कहा, ”नई दिल्‍ली के G20 समिट ने सिद्ध कर दिया है कि दुनिया में ध्रुवीकरण के बीच कूटनीति और संवाद ही एकमात्र प्रभावी समाधान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में कहें तो सभी देशों को दूरियों को कम करने, बाधाओं को हटाने और सहयोग का बीज बोने की जरूरत है.” इसके अलावा उन्‍होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि भारत से नमस्ते. विश्वास की बहाली और वैश्विक एकजुटता के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा की इस थीम को हमारा पूरा समर्थन है. यह अवसर हमारी आकांक्षाओं और लक्ष्यों को साझा करते हुए हमारी उपलब्धियों और चुनौतियों का जायजा लेने का है.

— भारत एक्सप्रेस

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