प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PIB)
PM Narendra Modi in support of Women representation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक को बीते दिनों पास कराया. महिला आरक्षण के मुद्दा बरसों से अटका हुआ था. पिछली सरकार बहुमत के बावजूद ऐसा नहीं कर पाई थीं. इसी महीने देश को नया संसद भवन देने के बाद पीएम मोदी ने महिला आरक्षण को पास किए जाने का प्रस्ताव रखा, और 99% से भी ज्यादा सांसदों ने उसका समर्थन किया.
हालांकि, ये पहली बार नहीं था जब नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण की वकालत की, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले भी अधिक से अधिक महिला सदस्यों को संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधित्व देने के पक्षधर रहे हैं. टि्वटर पर @modiarchive नाम के हैंडिल पर शेयर की गई दो तस्वीरों में पुराने अखबार नजर आ रहे हैं. उन अखबारों में नरेंद्र मोदी की वे खबरें दिख रही हैं जब मोदी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने के पहले भी संगठन में सक्रिय रहते हुए महिलाओं के प्रतिनिधित्व की वकालत करते रहे हैं. इनमें एक अखबार पर तारीख भी नजर आ रही है- 24 अप्रैल सन् 2000
पहले भी उठाई महिला आरक्षण के हक में आवाज
मोदी आर्काइव के ट्वीट में लिखा गया, ”पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा नीति निर्माण में महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व के पक्षधर रहे हैं. भाजपा के महासचिव के रूप में, 2000 में, मोदी संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए महिला आरक्षण की मांग का स्पष्ट समर्थन करते थे. हालाँकि, 2000 में, विधेयक पर अभी भी समितियों में बहस चल रही थी, और कोई आम सहमति नहीं थी, लेकिन मोदी द्वारा लिया गया दृष्टिकोण स्पष्ट था. आख़िरकार, 23 साल बाद, संसद के सदनों में लगभग सर्वसम्मति से मतदान के साथ, बिल एक वास्तविकता बन गया.”
PM @narendramodi has always been in favor of greater representation of women in policy making.
As the General Secretary of the BJP, way back in 2000, Modi was unequivocal in supporting demand for Women's Reservation for Parliament and State Legislatures.
Though the bill, in… pic.twitter.com/9RZOjMZlpN
— Modi Archive (@modiarchive) September 26, 2023
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मोदी राष्ट्रीय महासचिव की हैसियत से आए थे पंजाब
भाजपाइयों के मुताबिक, साल 2000 के अप्रैल महीने में मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव की हैसियत से पंजाब राज्य में पार्टी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे. उस वक्त उन्होंने मीडिया से बात की थी. उन्होंने विधान सभाओं में महिला प्रतिनिधियों की अधिक संख्या के मुद्दे पर अपना समर्थन व्यक्त किया. उसके बाद मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद महिला आरक्षण का बिल संसद में उन्हीं की अगुवाई में लाया गया, जिसे संसद के दोनों सदनों में मंजूरी मिल गई.
— भारत एक्सप्रेस
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