फोटो-सोशल मीडिया
UP Politics: जहां एक ओर लोकसभा चुनाव को देखते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव दिन-रात मेहनत करने में जुटे हैं और कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं तो दूसरी ओर उनकी इस मेहनत पर कहीं उनके ही पानी न फेर दें, इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. दरअसल सपा के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू देवी देवताओं और रामचरितमानस के साथ ही ब्राह्मणों व साधु संतों पर विवादित टिप्पणी करते आ रहे हैं. इसको लेकर माना जा रहा है कि कहीं आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा सपा को न भुगतना पड़ जाए. हालांकि इस बात को लेकर भी चर्चा जोरों पर है कि, लोकसभा चुनाव से पहले अगर सपा स्वामी से दूरी बना ले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. क्योंकि अखिलेश अपने खिलाफ भाजपा को धार्मिक विरोधी हथियार देने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं. खबर सामने आ रही है कि, स्वामी प्रसाद के बयान कहीं सपा के लिए सिर दर्ज न बन जाए, इस पर मंथन हो रहा है और कहा जा रहा है कि इस पर जल्द ही कोई निर्णय भी सामने आ सकता है.
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों को लेकर राजनीतिक जानकर मानते हैं कि, दीवाली के दिन से लक्ष्मी देवी पर जो स्वामी ने टिप्पणी की है, उसने भाजपा को बैठे बिठाए एक बड़ा मुद्दा दे दिया है. तो इसी के साथ ही कांग्रेस भी इसी मुद्दे को भुनाने में लग गई है और यूपी में सपा को लगातार घेर रही है. तो वहीं अब इस तरह की टिप्पणी न करने को लेकर स्वामी को सपा के प्रवक्ता ने हिदायत भी दी है. इन सब बातों को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में पार्टी स्वामी पर कोई बड़ा निर्णय ले सकती है. बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया साइट पर एक विवादित बयान देते हुए लक्ष्मी जी पर विवादित बयान दिया था और कहा था कि, “दुनिया में किसी भी नस्ल और जाति में दो हाथ वाले बच्चे पैदा होते हैं, तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो गईं. अगर आपको पूजा करनी ही है, तो अपनी पत्नी की करें जो कि पूरी निष्ठा से पूरे परिवार की देखभाल करती है.” इस बयान के बाद से लोग स्वामी का नाम लेकर सपा को लगातार घेर रहे हैं. इस मामले में कई हिंदू संगठनों ने भी सपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
भाजपा ने अखिलेश यादव को घेरा
लक्ष्मी माता पर स्वामी प्रसाद के दिए विवादित बयान को लेकर भाजपा ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. सपा के लिए स्वामी के बयान से मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहा है और पार्टी लगातार सभी धर्मो को साथ लेकर चलने की बात कह रही है तो इसी बीच सपा के प्रवक्ता आईपी सिंह का बयान सामने आया है और उन्होंने स्वामी प्रसाद के बयान पर निशाना साधा और कहा कि पांच वर्ष बीजेपी में आप कैबिनेट मंत्री रहे, तब मां लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी पर अभद्र टिप्पणी करते हुए डरते थे. इसी के साथ सपा प्रवक्ता ने स्वामी प्रसाद को कहा है कि, आपकी बेटी बदायूं से भाजपा की सांसद हैं अपने को सनातनी बताती हैं कोई पूजा-पाठ नहीं छोड़ती. कम से कम आप अपने बेटे बेटी को समझा लेते. पार्टी को नुकसान पहुंचाना बन्द करिये. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने अखिलेश यादव पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदुओं के देवी-देवताओं, उनकी आस्था एवं धर्म का अपमान कर रहे हैं. दूसरी तरफ उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष मंदिर मठों में घूमते फिर रहे हैं. भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि, इस दोहरे चरित्र को जनता खूब समझ रही है. उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस संबंध में अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए.
अखिलेश ने दी सफाई
तो दूसरी ओर स्वामी के बयान को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में जनता के सामने सफाई दी है और कहा कि कोई किसी का एजेंट नहीं होता है. यह उनके विचार हैं, इससे कुछ लोग सहमत नहीं है. तो वहीं क्या वह स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एक्शन लेंगे? का सवाल अखिलेश यादव से किया गया तो उन्होंने कहा कि, यह बात उत्तर प्रदेश की है. हम वहां जाकर तय करेंगे. तो वहीं अखिलेश के इस बयान पर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, अगर अखिलेश यादव ने जल्द ही स्वामी के बयानों को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया तो ये उनके लिए घातक साबित हो सकता है. हालांकि सपा प्रवक्ता की ओर से आए बयान के बाद ये जाहिर होता है कि जल्द ही अखिलेश इसको लेकर कोई निर्णय करने वाले है.
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